नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद बदले सियासी हालात पर भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद राज्य के प्रभारी नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि पार्टी के पास बहुमत नहीं है इसलिए वह यहां सरकार नहीं बनाएगी। उधर,

विपक्ष के नेता डॉ. हर्षवर्धन ने राज्य में नए सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की। वहीं खबर है कि आप से निष्कासित विधायक विनोद कुमार बिन्नी भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

भाजपा नेता नितिन गडकरी ने बैठक के बाद कहा कि पार्टी को बहुमत नहीं है और वह किसी दल में तोड़फोड़ का काम नहीं करेगी। उन्होंने राज्य में दोबारा चुनाव कराए जाने की मांग की। दूसरी ओर ‘आप’ से निष्कासित लक्ष्मीनगर के विधायक ने भाजपा में जाने का संकेत देते हुए कहा कि पार्टी अपना एजेंडा बताए। उन्होंने कहा कि आप के विधायकों का गलत इस्तेमाल किया गया।

गौरतलब है कि भाजपा की सहयोगी अकाली दल के साथ 32 सीटें है और बहुमत के लिए उसे 36 विधायकों की दरकार है। यदि बिन्नी और निर्दलीय विधायक शौकीन भाजपा को समर्थन देते भी हैं तो बहुमत से आंकड़ा दो कम ही रहेगा।

उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि यह पहले से तय हो चुका था कि केजरीवाल इस्तीफा दे देंगे, क्योंकि उन्हें सरकार चलाना नहीं आ रहा था। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केजरीवाल इस्तीफा देने की बात कह रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपी कांग्रेस का सहयोग लेकर यह साबित कर दिया था कि वह भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने नहीं आए हैं।

इस बीच, आम आदमी पार्टी ने भी राज्य में विधानसभा भंग कर तुरंत चुनाव कराने की मांग की है। वहीं कांग्रेस ने कहा कि है कि उपराज्यपाल जो भी निर्णय लें, उन्हें मान्य होगा। अब सबकी निगाहें एलजी पर टिक गई। कहा जा रहा है कि वह अभी विधानसभा भंग करने के बजाय इसे निलंबित रखते हुए राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा कर सकते हैं।

By parshv