निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपए नहीं लौटाने के मामले में उच्चतम न्यायालय के गैरजमानती वॉरंट जारी करने के बाद सहारा इंडिया प्रमुख सुब्रत रॉय ने आज पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस अधीक्षक ट्रांसगोमती हबीबुल हसन ने बताया कि राय ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन्‍हें दोपहर तीन बजे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाएगा. फिलहाल उन्हें सहारा शहर में ही रखा गया है.

रॉय को दिल्ली लाने के लिए पुलिस ट्रांसिट रिमांड मांगेगी.  आत्मसमर्पण मीडिया को दिए बयान के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह फरार नहीं हैं और इसके साथ ही उन्होंने पुलिसकर्मियों से न्यायालय के निर्देश के अनुसार काम करने का अनुरोध किया था. राय ने गुरुवार को न्यायालय को बताया था कि वह जानबूझ कर उपस्थिति से नहीं बचे थे.

उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं वह इंसान नहीं हूं, जो फरार हो जाए. वास्तव में एक कानून पालक नागरिक होने के नाते अगर मैं कोई भी ऐसा काम करूंगा तो मुझे अपने आप से घृणा होगी. सर्वोच्च न्यायालय ने उनके पेश न होने की सूरत में 26 फरवरी को उनके खिलाफ गैरजमानती वॉरंट जारी किया था.

राय की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने कहा कि इस न्यायालय के हाथ बहुत लंबे हैं. हम वॉरंट जारी करेंगे. यह देश का सर्वोच्च न्यायालय है. जब सभी निदेशक उपस्थित हैं, वह यहां क्यों नहीं आ सकते? राय ने कहा कि वह अपनी 90 वर्षीय बीमार मां के साथ रहना चाहते थे इसलिए उपस्थित नहीं हो पाए.

उन्होंने शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि पिछले शाम को मैं अपनी मां की मेडिकल रिपोर्ट लेकर सहारा शहर, लखनऊ से बाहर चिकित्सकों से एक पैनल के पास सलाह-मशविरा के लिए गया था, उसके बाद मैं वकील के घर भी गया था. 

उन्होंने कहा कि लौटने पर मेरे परिवार ने बताया कि पुलिस आई थी और पुलिस ने मीडिया से कुछ बातें भी की थी और उसके बाद देशभर की मीडिया ने यह कहना शुरू कर दिया कि मैं फरार हो गया हूं. क्या मैं फरार हूं? मुझे खुद से घृणा होने लगी है.

याचिका पर तत्काल सुनवाई से न्यायालय का इनकार
सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सहारा इंडिया प्रमुख सुब्रत रॉय की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुब्रत ने इस याचिका में 26 फरवरी को उनके न्यायालय में पेश न होने पर जारी किए गए गैरजमानती वॉरंट को वापस लेने की अपील की थी. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति के.एस. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की पीठ ने कहा कि कई मामले लंबित हैं, लिहाजा इसके लिए शुक्रवार को सुनवाई करना संभव नहीं है. सहारा प्रमुख की तरफ से वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने तत्काल सुनवाई की मांग की थी. जेठमलानी ने न्यायालय को यह भी बताया था कि सहारा प्रमुख ने लखनऊ में आत्मसमर्पण कर दिया है.

By parshv