कांग्रेस नेताओं को रास नहीं आ रहा दिग्गी राजा का सुकून – विदिशा से लड़ाने का प्रस्ताव भेजा

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इमालवा – भोपाल |  राजधानी भोपाल में चल रही ख़बरों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस ने पार्टी महासचिव एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को विदिशा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ाए जाने का प्रस्ताव कांग्रेस आलाकमान को भेज दिया है | बताया जाता है की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने भी इस बात की पुष्टि की है | कांग्रेस नेता इस प्रस्ताव को भेजे जाने के पीछे भाजपा प्रत्याशी एवं लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के विरूध्द सशक्त उम्मीदवार उतारने की मंशा जता रहे है | लेकिन मामले की इनसाईड स्टोरी कुछ और ही मानी जा रही है | प्रेक्षकों का मानना है की इस प्रस्ताव के जरिये कांग्रेस के प्रदेश के नेता एक तीर से दो शिकार करना चाहते है | राजधानी में चल रही खबरों के अनुसार नेता प्रतिपक्ष कटारे का मानना है की  ”यदि सिंह को विदिशा से कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जाता है, तो इससे पार्टी को अन्य सीटों पर भी काफी हद तक फायदा हो सकता है। इसलिए प्रदेश कांग्रेस ने श्री सिंह को विदिशा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाने के लिए आलाकमान को एक प्रस्ताव भेजा है”। कांग्रेस नेताओं का तर्क है की जिस तरह विजयाराजे सिंधिया ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ वर्ष 1980 में रायबरेली लोकसभा सीट और सुषमा स्वराज ने वर्ष 2004 में बेल्लारी लोकसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विरध्द चुनाव लड़ा था, ठीक उसी तरह पार्टी को सिंह को विदिशा से चुनाव लड़ाने के लिए सहमत होना चाहिए। प्रस्ताव भेजने वालो के अनुसार दिग्गी राजा के विदिशा से लड़ने से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विदिशा सांसद सुषमा दोनों ही विदिशा के चुनाव प्रचार तक सीमित हो जाएंगे, जिससे उनको प्रदेश की बाकी 28 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने का समय नहीं मिल सकेगा। इससे कांग्रेस को इन बाकी सीटों पर फायदा हो सकता है।  कांग्रेस नेताओं का कहना है की दिग्गी राजा ने हाल ही रायसभा का सदस्य निर्वाचित होने से पहले कहा था कि वह विदिशा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ना पसंद करेंगे। प्रदेश कांग्रेस के इस प्रस्ताव पर पार्टी आलाकमान क्या निर्णय करेगा ? यह अभी भविष्य के गर्भ में है | लेकिन राजनेतिक प्रेक्षक यह मानते है की इस प्रस्ताव के पीछे सदाशयता नहीं है | पार्टी के प्रदेश नेता इस प्रस्ताव के जरिये भाजपा या सुषमा स्वराज से ज्यादा दिग्गी राजा को घेरना चाहते है | माना जा रहा है की यदि दिग्गी राजा हाँ करते है तो यह चुनाव उनके राजनैतिक जीवन के लिए वाटरलू साबित हो सकता है | यदि दिग्गी राजा ना करते है तो इससे कांग्रेस आलाकमान के सामने उनकी पोजीशन कमजोर होगी | कुल मिलाकर प्रदेश में करारी हार के बावजूद कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई अभी कम नहीं हुई है |