लखनऊ। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को आतंकियों से बड़ा खतरा बरकरार होने का इनपुट मिलने के बाद शासन ने वाराणसी प्रशासन को सतर्क किया है। मोदी की सुरक्षा पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की हिदायत दी गयी है।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से इंडियन मुजाहिदीन की हिटलिस्ट में है। वह खुद भी अपने ऊपर हमले की आशंका जाहिर कर चुके हैं। मोदी सुरक्षा को लेकर पूछे गये सवाल पर राज्य पुलिस के प्रवक्ता व डीआइजी (लोक शिकायत) ए. सतीश गणेश ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों ने हर बार भी मोदी पर खतरे का इनपुट दिया है। उनकी सुरक्षा को लेकर पहले ही सावधानी बरती जा रही थी। अब वाराणसी को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की हिदायत दी गयी है।
रैली की इजाजत में अतीत बना बाधा
वाराणसी के बेनियाबाग में मोदी की रैली की इजाजत नहीं मिलने के पीछे अतीत में हुआ बखेड़ा भी एक वजह है। डीआइजी (लोक शिकायत) ए. सतीश गणेश ने बताया कि 1991 में पूर्व आइपीएस व भाजपा प्रत्याशी श्रीशचन्द्र की जनसभा के दौरान बेनियाबाग में हल्का पथराव हुआ था। जिसके लेकर दो पक्षों में भिडंत हो गयी थी। खासा तनाव हो गया था। इस अतीत व मोदी की सुरक्षा समेत आधा दर्जन कारणों के चलते वाराणसी जिला प्रशासन बेनियाबाग में रैली की इजाजत नहीं दी। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बेनियाबाग मैदान की क्षमता 35 हजार लोगों की है जबकि भाजपा यहां एक लाख लोगों की रैली करना चाहती थी। ऐसे में कानून व्यवस्था का खतरा हो सकता था। एक स्वयंसेवी संस्था ने एक माह पहली ही इसी तारीख को बेनियाबाग में मतदाता जागरूकता अभियान के लिए इजाजत ले रखी थी। इन्ही कारणों के चलते वाराणसी प्रशासन ने रैली की इजाजत नहीं दी।