आसमान से बरसा अमृत – मुरझाए चेहरों पर लोट आई रौनक

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इमालवा – रतलाम | भादों माह के दुसरे रविवार को रतलाम में इन्द्रदेव की कृपा जमकर बरसी | दोपहर तक यह आलम था कि ग्रीष्म ऋतु के अंदाज़ में निकली तीखी चुभती धुप से लोग हलाकान हो रहे थे | दोपहर के बाद मौसम ने करवट ली और आसमान में काले जल भरे बदरवा यकायक उमड़ घुमड़ कर आ गए | बगैर किसी गर्जना के जमकर बरसात शुरू हो गई | दोपहर को शुरू होने के बाद शाम तक कभी तेज़ तो कभी हलकी वर्षा अनवरत जारी है | जारी वर्षा को सीज़न की तृप्ति पहुचाने वाली पहली वर्षा कहा जा सकता है |
जिले में अभी तक वर्षा का आंकडा 15 इंच के आसपास पहुचा है | हालात देखते हुए यह अंदाज़ बन रहा है की इस वर्ष अल्पवर्षा की मार झेलनी होगी | वर्षा की खेंच से चिंतित लोगो के माथे पर परेशानी की सलवटे उभरने लगी थी | एक तरफ वर्षा की बेरुखी और दूसरी तरफ सूर्यदेव का दिन पर दिन बढ़ता रोद्र रूप लोगो को भविष्य के प्रति चिंतित करने के साथ – साथ चिडचिडा बना रहा था | निराशा के इस माहौल को हर कोई भांप रहा था | बड़े – बुजुर्गो की और से भी भविष्य के प्रति सतर्कता बरतने और ईश्वर के प्रति अटूट भरोसा रखने की बाते कही जाने लगी थी |
विघ्नहर्ता ने सुन ली पुकार
गणनायक गणपति महाराज को घर घर में विराजमान करते समय हरेक के मन से यही कामना निकल रही थी की देवा रे देवा इंद्रदेव को मनाकर ले आओ | सच्चे मन से निकली जन – जन की इस कामना पर विघ्नहर्ता ने तत्काल सुनवाई की और स्थापना के बाद दो दिनों से रूठे इन्द्रदेव पसीजने लगे है | रविवार को मन को तृप्ति पहुचाने वाली वर्षा ने लोगो को एक बार फिर उम्मीदों से भर दिया है |