रतलाम । नालों के गंदे पानी से सिंचाई पर प्रतिबंध के बाद भी अमृत सागर तालाब के पानी से धड़ल्ले से अवैध तरीके से सिंचाई हो रही है।
अमृत सागर तालाब में इस समय नालों का पानी मिलने से पानी पूरी तरह प्रदूषित है और नालों की तरह ही गंदा होने से इससे सिंचाई प्रतिबंधित करने के लिए न जिला प्रशासन और न ही कोई अन्य जिम्मेदार इसकी सुध ले रहा है।
अमृत सागर तालाब से वैसे भी पानी की सिंचाई करना प्रतिबंधित है और इसके बावजूद यहां करीब आधा दर्जन मोटरें लगाकर कई किलोमीटर दूर तक पानी ले जाया जा रहा है। लेकिन वर्षो से चल रही सिंचाई पर आज तक कोई रोक नहीं लगा पाया है। मंगलवार को कुछ लोगों की मोटरें खराब होने पर उन्होंने दिन में ही अमृत सागर तालाब के पानी से मोटरें निकाली और इसे बदल दिया। यह काम सरेआम हो रहा है लेकिन किसी जिम्मेदार की इस पर नजर नहीं पड़ी है।
लगी हैं बड़ी-बड़ी मोटरें
अमृत सागर तालाब में बड़ी-बड़ी मोटरें लगाकर कई किलोमीटर दूर तक पानी ले जाया जा रहा है। ये मोटरें किनारे से कई फीट अंदर तक डाली हैं। इनसे जुड़े पाइप भी तालाब किनारे देखे जा सकते हैं। गौरतलब है कि जहां मंगलवार को दिन में मोटर सुधारी जा रही थी उसके पास ही निगम का अमृत सागर बगीचा है और इसमें निगम का जोन कार्यालय बना हुआ है।
निरंतर चलेगा अभियान
नालों से सिंचाई करना प्रतिबंधित है और सिंचाई करने वालों की धरपकड़ का अभियान निरंतर जारी है। अभी राजस्व का अमला चुनाव में लग जाने से अभियान रूका हुआ है लेकिन चुनाव निपटते ही फिर से धरपकड़ शुरू कर दी जाएगी। अमृत सागर तालाब से पानी की सिंचाई करना गलत है।
– ध्रुवकुमार निनामा, शहर पटवारी