रतलाम। परियोजना संचालक (आत्मा) आरएस गुप्ता ने बताया कि तीन दिवसीय मेले में राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक आ रहे हैं। इसमें अनार के लिए उद्यानिकी के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र महाराष्ट्र, मल्चिंग के अजमेर से, पॉली हाउस ड्रीस एरीग्रेशन के लिए जलगांव के विशेषज्ञ आएंगे। नर्सरी को बढ़ावा देने पर चर्चा, मिट्टी परीक्षण भी किया जाएगा।
तीन दिन में 10-12 हजार किसान शामिल होंगे, साथ ही आरटीओ के माध्यम से 85 बसें किसानों को लाने और ले जाने के लिए रहेगी। अफीम और मसाला, औषधिय की खेती को बढ़ावा देने के लिए मंदसौर-नीमच के डॉ. पचौरी आएंगे। इसके अलावा गेहूं, चना, मटर, कपास, कृषि महाविद्यालय इंदौर से भी वैज्ञानिक आएंगे। सोयाबीन काफी मात्रा में होती है इसके लिए राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान केंद्र के डॉ. पीके भटनागर से चर्चा की गई है।

सर्वश्रेष्ठ किसान होंगे सम्मानित

कृषि विज्ञान मेले में शामिल होने वाले किसानों के लिए ईनामी योजना भी रखी जाएगी। कृषको रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, ड्रा अंतिम दिन खोला जाएगा। इनमें अनेक आकर्षक उपहार है। साथ ही जिले के सर्वश्रेष्ठ किसान को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया जाएगा।

मनोरंजन के साथ कवि सम्मेलन
गुप्ता ने बताया कि मेले में आने वाले मेहमान, कृषक और स्थानीय लोगों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। नाटय मंचन के माध्यम से किसानों को उनकी भाषा में खेती समझाकर जागरूक किया जाएगा व कवि सम्मेलन आयोजित करने का भी प्रयास किया जा रहा है।

इनकी लगेगी प्रदर्शनी
आलु, लहसुन प्लांटर, आलू डिगर, मल्टी क्रॉप थ्रेसर।
स्प्रिंकलर, टपक सिंचाई, रेनगन आदि का सजीव प्रदर्शन।
डेयरी, पशु-मछली पालन की नवीनतम तकनीकों पर चर्चा।
मसाला, औषधियों एवं उद्यानिकी फसलों पर परिचर्चा होगी।
उन्नत कृषि यंत्रों के उपयोग संबंधी प्रदर्शन, प्रशिक्षण व मार्गदर्शन होगा।

By parshv