प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोद लेंगे मध्‍यप्रदेश के 200 गांव

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भोपाल । मध्यप्रदेश के 200 हरिजन बहुल गांवों में जल्द ही शहर जैसी सुविधाएं होंगी। ये संभव होगा इन गांवों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गोद लेने से। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मप्र में आदिवासी बहुल 200 गांवों को गोद लेकर आदर्श गांव बनाने की इच्छा जाहिर की है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामों के लिए सीहोर, शाजापुर, उज्जैन और आगर-मालवा के 200 एससी बहुल गांवों की सूची बनाकर मुख्यमंत्री को भेज दी है। मंजूरी मिलते ही सूची केन्द्र को भेज दी जाएगी।

इन गांवों में चमचमाती सड़कें, शुद्ध पेयजल, स्कूल और ग्राम आरोग्य केन्द्र जैसी सुविधाएं होंगी। अभी प्रदेश के गांवों को बेहतर बनाने केन्द्र की 31 और राज्य की 15 योजनाएं हैं। मोदी के इन आदर्श गांवों को इन योजनाओं के लाभ के साथ ही केन्द्र से 20-20 लाख रुपए और राज्य से 5-5 लाख रुपए मिलेंगे। केन्द्र से पैसा मिलने के बाद इन गांवों को पूर्ण रूप से आदर्श बनाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। आदर्श गांव की जमीनी हकीकत जानने केन्द्रीय अधिकारियों की टीम इनका औचक निरीक्षण भी करेगी।

मोदी के गांवों में इन पर होगा फोकस

इन्फ्रास्ट्रक्चर – गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ा जाएगा। हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की व्यवस्था होगी। सभी घरों में बिजली कनेक्शन होगा। आंतरिक सड़कें पक्की होंगी। पर्याप्त संचार सुविधाएं जैसे पोस्ट ऑफिस, टेलीफोन और संभव हो तो इंटरनेट भी। बैंकिंग सुविधाएं, जिसमें मोबाइल बैकिंग आदि शामिल हैं।

स्वच्छता एवं पर्यावरण – शौचालय, जल-मल निकासी की सुविधा। पौधारोपण, वाटर हार्वेस्टिंग और ग्रामीण जल संरचना का रख रखाव होगा। साथ ही सौर ऊर्जा इसमें विशेष रूप से बायो गैस, सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा शामिल हैं। धुंआ रहित चूल्हों का उपयोग होगा।

सामाजिक अधोसंरचना – आंगनवाड़ी सेंटर, स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, पंचायत और सामुदायिक भवन के लिए अलग-अलग इमारत। बच्चों के लिए प्ले ग्राउंड। शत-प्रतिशत संस्थागत डिलेवरी की व्यवस्था हो। ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, महिला स्वरोजगार, स्वयं सहायता समूह आदि सक्रिय हों।

जीवन स्तर – युवाओं को गांवों में ही पर्याप्त रोजगार के अवसर। कौशल उन्न्यन के साथ ही नई तकनीक के आधार पर प्रशिक्षण। विशेष रूप से खेती, पशुपालन और मछली पालन जैसे व्यवसाय खोलने के लिए। फसल का पर्याप्त पैसा मिले इसकी व्यवस्था होगी।

पंचायत आयुक्त करेंगे मॉनीटरिंग

मोदी के आदर्श 200 गांवों में तय मापदंड के अनुसार इन्फ्रास्ट्रक्चर, जल-मल निकासी और पर्यावरण, सामाजिक अधोसंरचना विकास और ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में ठीक ढंग से काम हो रहा है कि नहीं। इसे देखने की जिम्मेदारी पंचायत आयुक्त की होगी। वे समय-समय पर भोपाल से टीम भेजकर गांवों की रिपोर्ट भी तैयार करवाएंगे।

सीएम को भेज दी सूची

प्रधानमंत्री मप्र के आदिवासी बहुल 200 गांवों को गोद लेकर उन्हें आदर्श गांव बनाना चाहते हैं। हमने चार जिलों के 200 गांवों की सूची तैयार कर मुख्यमंत्री को भेज दी है। उनकी हरी झंडी मिलते ही इसे केन्द्र को भेज दिया जाएगा। अरूण शर्मा, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास