भोपाल । प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राजधानी के बिल्डर अरुण सहलोत से उन्होंने रिश्वत में करोड़ों रुपए की रिश्वत ली।
मई 2008 में आयकर विभाग के छापों में बिल्डर के यहां से मिली तीन डायरियों में इसका खुलासा हुआ है। डायरियों की प्रामाणिकता आयकर विभाग परख चुका है। पार्टी आयकर विभाग से दिग्विजय के खिलाफ जांच की मांग करेगी।
प्रदेश बीजेपी कार्यालय में शनिवार को उन्होंने पत्रकारों को आयकर विभाग के अपीलेट ट्रिब्यूनल इंदौर बेंच द्वारा दिए निर्णय की प्रतियां भी दीं। उन्होंने बताया कि डायरियों में लाखों रुपए कई बार सीएम के नाम देना दर्ज है, जो 2003 तक दिया गया। उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने बताया कि डायरियों में कुल 10 करोड़ की राशि है जो कि तत्कालीन सीएम को दी गई। इस मौके पर परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह भी मौजूद रहे।
लक्ष्मण का भी नाम
चौहान ने आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल के कुल 160 पेज का हवाला देते हुए कहा कि बिल्डर आयकर के सामने स्वीकार कर चुका है डायरियों में उसी की हैंडराइटिंग है। उनमें दर्ज खर्च का ब्यौरा व्यापार के लेनदेन का है।
डायरी में अनेक व्यक्तियों के साथ तत्कालीन सीएम, एचसीएम को करोड़ों रुपए देने का जिक्र है। सीएम का मतलब चीफ मिनिस्टर और एचसीएम का आशय आनरेबल चीफ मिनिस्टर है, सभी प्रविष्टियां अक्टूबर 2003 के पहले की हैं। डायरी में लक्ष्मण सिंह का भी उल्लेख है।
दिग्विजय सीरियल का एपिसोड
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि दिग्विजय सीरियल का यह एक एपिसोड भर है, अभी ऐसे अनेक मामले देखने को मिलेंगे। क्या यह व्यापम मुद्दा उठाए जाने पर बीजेपी का पलटवार है? इस पर चौहान बोले कि व्यापम को लेकर झूठे आरोप लगाए गए। ये तो भ्रष्टाचार का प्रामाणिक मामला है। दिग्विजय को इन तथ्यों के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
बीजेपी ने खोला मोर्चा…
विधानसभा में अवैध नियुक्तियों के मुद्दे पर दिग्विजय सिंह एवं तत्कालीन स्पीकर श्रीनिवास तिवारी पर एफआईआर होने के बाद अब बीजेपी ने दिग्विजय के खिलाफ मोर्चा खोला है। भाजपा अध्यक्ष से जब पूछा गया कि इतने साल बाद यह मुद्दा क्यों उठाया?
चौहान बोले हमारे संज्ञान में अभी यह मामला आया। सोम डिस्टलरी एवं खनन कारोबारी सुधीर शर्मा के यहां आयकर छापों में मिली डायरियों में भाजपा नेताओं के नामों पर जब सवाल हुए तो चौहान ने कहा कि किसी को आपत्ति है तो वह कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है।
आयकर को देंगे आवेदन
आयकर विभाग के महत्वपूर्ण दस्तावेज कहां से मिले? जवाब में चौहान ने कहा कि ट्रिब्यूनल इस बारे में सुनवाई करने के बाद 30 अप्रैल 2013 को निर्णय दे चुका है। इसलिए यह दस्तावेज अब ‘पब्लिक डोमेन” में नेट पर मौजूद हैं। क्या शपथ पत्र देकर शिकायत भी दर्ज कराएंगे? इस पर उन्होंने कहा कि वे पार्टी की ओर से आयकर कमिश्नर को आवेदन देकर दिग्विजय के कालेधन की जांच एवं कार्रवाई की मांग करेंगे।