नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने डीजीसीए [नागर विमानन महानिदेशालय] को स्पाईस जेट के उन 6 विमानों का पंजीकरण रद्द करने को कहा है, जिसे स्पाईस जेट ने आयरलैंड की कंपनियों से किराए पर लिया था। स्पाईस जेट इन विमानों का किराया चुकाने में नाकाम रही, जिसके बाद आयरलैंड की कंपनियों ने इस मामले में निजी विमान कंपनी को कोर्ट में घसीट लिया।

अदालत के इस आदेश पर स्पाईस जेट के प्रवक्ता का कहना है कि वे अभी आदेश का अध्ययन कर रहे है। उनके मुताबिक, ‘आदेश का अध्ययन करने के बाद हम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाएंगे। साथ ही हम सौहार्दपूर्ण ढंग से विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।’ हाईकोर्ट ने यह फैसला आयरलैंड की विमान को किराए पर देने वाली कंपनी बीएंडबी एयर एक्यूजिशन की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

कंपनी ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके पांच बोइंग 737 विमानों की उड़ान पर तब तक के लिए रोक लगाई जाए, जब तक डीजीसीए इनका पंजीकरण रद्द नहीं करता है। भारत में किसी भी विमान के कमर्शियल इस्तेमाल से पहले उसे डीजीसीए से मान्यता लेनी पड़ती है। अदालत के इस आदेश से स्पाईस जेट के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

डीजीसीए इन 6 विमानों को अस्थायी पंजीकरण नंबर देगा ताकि आयरिश कंपनी अगर चाहे तो इन विमानों को देश से बाहर ले जा सके। इस महीने की शुरुआत में स्पाईस जेट ने इन विमानों को किराए पर लिया था और तीन कंपनियों को एक करोड़ डॉलर किराए के रुप में चुकाए थे, जबकि यह पूरी डील सात सौ करोड़ डॉलर की थी।

By parshv