स्विटजरलैंड ने अपनी बैंकिंग प्रणाली से अवैध धन को दूर रखने के लिए इसकी निगरानी और अन्य कानूनी प्रयास तेज कर दिया है। भारत और कुछ अन्य देशों द्वारा स्विस बैंकों में छिपाकर रखे गए काले धन के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दिए जाने के बाद इस यूरोपीय देश ने इस मुद्दे पर सख्ती बरतने का फैसला किया है। वित्त बाजार पर्यवेक्षण प्राधिकरण के अनुसार, यह फैसला ऐसे समय लिया गया है, जब कई स्विस संस्थाओं को ग्राहकों द्वारा दी गई टैक्स संबंधी जानकारी गलत पाई गई है। वित्त बाजार पर्यवेक्षण प्राधिकरण को मनी लांड्रिंग पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी भी दी गई है।

स्विटजरलैंड इन दिनों टैक्स मामले पर भारत और कुछ अन्य देशों के साथ आपसी सहयोग बढ़ाने के प्रयास कर रहा है। कर चोरी के मामलों को लेकर कई स्विस बैंकों पर अदालतों में मामले चल रहे हैं। प्राधिकरण ने कहा कि सीमा पार से धन प्रबंधन को लेकर 2014 में अंतरराष्ट्रीय दबाव बना रहा। वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले वर्षों में भी वित्तीय क्षेत्र पर यह दबाव बना रहेगा। इसने कहा कि अमेरिका की तर्ज पर चलते हुए जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम और अर्जेंटीना ने हाई प्रोफाइल आपराधिक जांच की शुरुआत की है। साथ ही भारत और इजरायल ने आपराधिक जांच शुरू करने की धमकी दी है।

नियामक संस्था ने कहा कि वह खुद भी इन मामलों पर अपनी निगाह बनाए हुए है। भारत में भी इन दिनों काले धन का मामला गर्म है। भारत सरकार विदेश में खासकर स्विटजरलैंड में भारतीयों द्वारा छिपाकर रखे गए काले धन वापस लाने का प्रयास कर रही है।

By parshv