भोपाल। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा है कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का रोडमैप बनाकर 2016 में इसे विजन डाक्यूमेंट के रूप में कार्ययोजना में शामिल करें। मध्यप्रदेश महिला वित्त एवं विकास निगम के संचालक मंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में वर्ष 2015-16 में की जाने वाली गतिविधियों का अनुमोदन किया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि जेंडर-बजट के जरिए लाभान्वित हो रही महिलाओं का स्पष्ट उल्लेख विभागों के बजट में होना चाहिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 25 विभाग में अलग से महिलाओं के लिए बजट का निर्धारण हो रहा है। जेंडर बजट विधानसभा में प्रस्तुत करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। इसका प्रभाव हमें स्पष्ट दिखलाई दे और इसकी सुनिश्चित प्रक्रिया अपनाई जाना चाहिए।
मंत्री ने स्वागतम लक्ष्मी योजना में कम लिंगानुपात वाले 10 जिले के लिये बनाई गई कार्य-योजना में जिला कलेक्टर और जन-प्रतिनिधियों की भी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूह के उत्पादन विशेषकर कोदो-कुटकी के उत्पादन की बेहतर पेकेजिंग और ब्रांडिंग करने को कहा जिससे बाजार में उसका अच्छा मूल्य मिल सके। बैठक में प्रमुख सचिव महिला बाल विकास जेएन कंसोटिया एवं निगम की प्रबंध संचालक श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव भी उपस्थित थीं।
बैठक में प्रबंध संचालक श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने बताया कि 7500 नए स्व-सहायता समूह गठित किए जाएंगे। महिला स्व-सहायता समूह के बने फेडरेशन के 780 पदाधिकारी को उनके दायित्वों के निर्वहन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने 26 हजार 100 शौर्या दल के सदस्यों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। तेजस्विनी कार्यक्रम में शामिल गांव की महिलाओं को स्वच्छ पेयजल व्यवस्था के लिए संबंधित विभाग से समन्वय किया जाएगा। 600 क्लस्टर आधारित आजीविका प्रस्ताव को स्वीकृत कर क्रियान्वित एवं स्व-सहायता समूहों के लिये टेली सॉफ्टवेयर स्थापित कर एमआईएस तैयार किया जाएगा।