भोपाल। टीबी के संदिग्ध मरीजों को परामर्श व इलाज देने के लिए जल्द ही एक हेल्पलाइन शुरू की जाएगी। मरीज टोल फ्री नंबर पर कॉल करके टीबी की जांच से संबंधित जानकारी व उपचार भी हासिल कर सकेंगे। अगर वे मिस कॉल भी करते हैं तो कॉल रिटर्न कर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया जाएगा।

टोल फ्री नंबर पर कॉल करने वाले संदिग्ध मरीजों के घर स्वास्थ्य विभाग का अमला जाएगा, जो उसके टीबी के स्तर की जांच करेगा। इसके बाद उसे डाट्स पद्धति के तहत इलाज दिया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग टोल फ्री नंबर को जल्द से जल्द जारी करने की तैयारी कर रहा है।

हेल्पलाइन ‘टीबी मुक्त भारत के लिए कार्य करने का आह्वान” कार्यक्रम के तहत शुरू की जा रही है। यह पूरी तरह निशुल्क रहेगी। टोल फ्री नंबर शुरू करने का मकसद लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता पैदा करना है। साथ ही टीबी के संदिग्ध मरीज में लक्षण उत्पन्न् होने के दो सप्ताह के अंदर उसकी जांच व उपचार प्रारंभ करना भी है।

राजधानी में करीब टीबी के करीब 5 से 7 हजार मरीज हैं। इनका उपचार डाट्स पद्धति के तहत चल रहा है। बड़ी संख्या ऐसे मरीजों की भी है, जो उपचार नहीं ले रहे हैं और रजिस्टर्ड नहीं हैं। ऐसे मरीजों को उपचार व जागरूक करना हेल्पलाइन का काम रहेगा।

टीबी मरीजों के लिए हेल्पलाइन शुरू होगी। इस पर वह कॉल करके टीबी से संबंधित अपनी भ्रांतियां दूर कर सकेंगे। साथ ही उपचार व जांच की जानकारी भी ले सकेंगे।

डॉ. मनोज वर्मा, जिला टीबी अधिकारी

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