नई दिल्‍ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हर गांव तक सिंचाई की सुविधा उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से तैयार की गई प्रधानमंत्री सिंचाई योजना को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 1,000 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है। साथ ही इस योजना के तहत अलग-अलग तरीके से सिंचाई का दायरा बढ़ाए जाएगा और जिला स्तर पर सिंचाई की योजना बनाने की पहल की जाएगी। इसके साथ ही कैबिनेट ने कृषि उत्‍पादों के लिए कॉमन नेशनल मार्केट को मंजूरी दे दी है। वहीं, आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने प्‍याज स्‍टॉक लिमिट एक साल बढ़ाने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है।
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री सिंचाई योजना को मंजूरी दे दी गई है। इससे हर गांव तक सिंचाई की सुविधा पहुंचाई जा सकेगी। राधामोहन सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने कृषि उत्‍पादों के लिए देशभर में एक समान बाजार उपलब्‍ध कराने के लिए कॉमन नेशनल मार्केट के प्रस्‍ताव को भी मंजूरी दे दी है।

किसान ऑनलाइन बेच सकेंगे प्रोडक्‍ट
सूत्रों के अनुसार कृषि उत्‍पादों के लिए कॉमन नेशनल मार्केट का हिस्‍सा बनने के लिए राज्‍यों को एपीएमसी एक्‍ट में संशोधन करना होगा। केंद्र सरकार के इस कदम से कॉमन नेशनल मार्केट में अब 500 मंडिया एक साथ जुड़ सकेंगी। नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट के तहत ऑनलाइन एग्रीकल्चर मार्केट का खाका तैयार होगा। ऑनलाइन एग्रीकल्चर मार्केट के जरिए किसान सीधे अपने प्रोडक्ट ऑनलाइन बेच सकेंगे।
प्‍याज की कीमतों पर लगाम लगाने की कोशिश
सूत्रों के अनुसार कैबिनेट ने कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए प्‍याज की स्‍टॉक लिमिट एक साल और बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। प्याज की स्टॉक लिमिट अब 3 जुलाई 2016 तक लागू रहेगी। 2 जुलाई को इसकी मियाद खत्म हो रही है। बता दें सरकार ने पिछले साल जुलाई में प्‍याज को आवश्‍यक कमोडिटी कानून, 1955 के तहत ला दिया था। इसके कानून के तहत राज्‍यों को सब्जियों की स्‍टॉक होल्डिंग की सीमा तय करने का अधिकार मिलता है।

By parshv