भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूली बच्चे अब अपने प्यारे कलाम का पाठ भी पढ़ेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व राष्ट्रपति कलाम के निधन पर शोक जताते हुए यह घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि अवुल पकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम यानी डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई को शिलांग में निधन हो गया था। कलाम के निधन पर प्रदेश में 7 दिन का राजकीय शोक रहेगा। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश ने एक युगदृष्टा खो दिया है। मिसाइलमैन के रूप में प्रसिद्ध स्व. डॉ. कलाम एक ऐसे महापुरुष थे, जिनके पास भारत के विकास को लेकर व्यापक दृष्टि और सोच थी। उन्होंने वर्ष 2020 तक भारत को पूर्ण विकसित राज्य बनाने का न केवल सपना देखा, बल्कि उसकी ठोस रूपरेखा भी सामने रखी। डॉ. कलाम सही मायने में अजातशत्रु व्यक्तित्व को साकार करते थे। साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से होते हुए भी व्यक्ति अपनी प्रतिभा और परिश्रम से देश के सर्वोच्च पद पर पहुंच सकता है, इसके डॉ. कलाम सर्वश्रेष्ठ उदाहरण थे।
राज्यपाल रामनरेश यादव ने डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे एक श्रेष्ठ साइंटिस्ट के साथ अच्छे प्रशासक भी थे। राज्यपाल ने कहा कि डॉ. कलाम जैसे बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी का निधन देश की अपूरणीय क्षति है। डॉ. कलाम देश को विज्ञान के साथ-साथ अन्य सभी क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान दिलवाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहे। उनकी लिखी पुस्तकों से पूरी एक पीढ़ी संस्कारित हुई।
जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि वे प्रतिभा के अदभुत समुच्चय(मिश्रण) थे। डॉ. कलाम देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति थे, जिन्होंने अपने संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन के साथ देश और युवा पीढ़ी के भविष्य को संवारने का विजन भी सामने रखा। वे न केवल वैज्ञानिक और प्रशासक थे, बल्कि उनकी कला-संस्कृति और जीवन के अनेक क्षेत्र में भी गहरी रुचि थी। उन्होंने अपने व्यक्तित्व को जिस तरह तराशा और देश के विकास में समर्पित किया, वह भारतीय इतिहास का हमेशा उज्जवल पृष्ठ रहेगा।