सर्वधर्म समभाव की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आज यहां मुख्यमंत्री निवास पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी का भव्य आयोजन हुआ। भगवान श्रीकृष्ण के भजनों से पूरा वातावरण कृष्णमय हो गया था। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रीमदभागवत गीता के श्‍लोकों का पाठ करते हुए भगवान श्रीकृष्ण का आव्हान किया कि वे विश्व, समाज में अशांति, अधर्म, अनाचार का अंत करे और प्रदेश सहित देश और विश्व में सुख-समृद्धि की स्थापना करे।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सम्पूर्ण मानव समाज को निष्काम कर्मयोग की शिक्षा दी थी, जो हर युग में प्रासंगिक है। श्रीकृष्ण ने मानव-जाति को ज्ञान एवं भक्ति मार्ग और कर्म योग क़ी शिक्षा भी दी।

मुख्यमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्मरण करते हुए राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्त शिक्षकों का अभिनन्दन किया। उन्होंने अपने शिक्षक श्री रतन चंद जैन को याद करते हुए  कहा कि शिक्षकों की लगन और मेहनत से आज मध्य प्रदेश के बच्चे पूरे देश में  राज्य को गौरवान्वित कर रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बच्चों में प्रतिभा, क्षमता और लगन है। उन्हें सिर्फ मार्गदर्शन की जरुरत है। बच्चों की शिक्षा में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दी जायेगी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने सभी धर्म के विशिष्ट त्यौहारों और अवसरो को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित करने की परंपरा स्थापित की है। साथ ही इसे गरिमा के साथ आगे बढ़ाते जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार पारंपरिक गरिमा एवं अनुष्ठान से मनाया गया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

आयोजन में सभी धर्मो के धर्मगुरू, श्रीमती साधना सिंह, महापौर श्री आलोक शर्मा और आमंत्रित अतिथि भक्ति रस में डूब गये। प्रतिभा संगीत अकादमी  उज्जैन ने श्री शैलेष व्यास के निर्देशन में कृष्ण लीलाओं की प्रस्तुति दी। ख्यातिप्राप्त लोक गायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी के सधे सुरों से श्रीकृष्ण स्तुति ने वातावरण को पूरी तरह आध्यात्मिक बना दिया था।

By parshv