रतलाम। सेंव के लिए रतलाम भले ही देश विदेश में अपनी पहचान बना रखी है, लेकिन अब हमें भी वहां की मांग के अनुरूप अन्य नमकीन आयटम का उत्पादन बड़े पैमाने पर करना होगा।
हम उनकी मांग के अनुरूप आयटम तैयार करेंगे तो हमारे यहां का कारोबार भी बढ़ेगा। इसके लिए कुरकुरे, चिप्स, जैसे बच्चों की पसंद, खाखरे, थेपले जैसे ज्यादा समय तक टिकने वाले व फरियाली आयटम के बड़े पैमाने पर उत्पादन की तैयारी कुछ व्यापारी कर रहे हैं।
जेआई का रजिस्ट्रेशन व नमकीन क्लस्टर की भूमि पर मूलभूत सुविधाओं के लिए टैंडर जारी होेने के बाद यहां के नमकीन व्यापारियों में हल चल शुरू हो गई है। वे इस कारोबार को बढाने, उसमें सुधार करने व मांग के अनुरूप अन्य चीजों का उत्पादन करने की रणनीति में जुटे हैं। ताकि रतलाम के नमकीन कारोबार को ऊंचाई प्रदान की जा सके।
लाइट वेट व खट्टे मीठे आयटमों की मांग
कम मिर्च की सेंव, आलू व टमाटर की सेव, गुजराती मिक्चर।
मांग अनुरूप आयटम
विदेश से आने वाले लोग यहां पर कम मिर्च की सेव के साथ, गुजराती मिक्चर को ज्यादा पसंद करते हैं। इसके साथ ही बच्चों की पसंद को ध्यान में रखकर हमें नए आयटम बनाने पर विचार कर रहे है। इसके लिए बाहर रहने वाले लोगों से संपर्क कर रहे हैं। विपिन खिलोसिया, अध्यक्ष मिठाई- नमकीन संघ
क्वालिटी पर पूरा ध्यान
रतलाम सेव व सोने की गुणवत्ता के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस प्रसिद्ध को हमें अन्य नमकीन आयटम(कचौरी व समोसे) में भी शुरू करना चाहिए। हमें नमकीन फरियाली व अन्य आयटम पर ध्यान देना होगा। जो ज्यादा समय तक चल सके। रामरतन राठौड़, नमकीन व्यवसायी