नई दिल्ली: राजधानी में हो रहे अफ्रीकी देशों के सम्मेलन के आखिरी दिन गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी भी पहुंचे। मोदी ने यहां कहा कि एक तिहाई मानवता के सपने एक छत के नीचे हैं। बता दें कि इस सम्मेलन में 54 देशों के प्रमुख शामिल हुए।
पीएम की स्पीच के अहम बिंदु
>सूरज जब ढलता है तो भारत और अफ्रीका के करोड़ों घर अंधेरे में डूब जाते हैं। हम लोगों की जिंदगी में रोशनी लाना चाहते हैं। भारत अफ्रीकी देशों के लिए 10 बिलियन डॉलर का कंसेशनल क्रेडिट देगा।
>हम आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने, मेरीटाइम सिक्युरिटी और हाईड्रोग्राफी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की इच्छा रखते हैं। खाद्य सुरक्षा पर मिलकर काम करना होगा।
>हम क्लीन एनर्जी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और क्लाइमेट को नुकसान न पहुंचाने वाली खेती के सेक्टर्स में भी सहयोग बढ़ाना चाहते हैं।
>अफ्रीका और दुनिया के दूसरे हिस्सों के बीच के डिजिटल डिवाइड को कम करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
>हम अफ्रीका और भारत के बीच ट्रेडिशनल नॉलेज और मेडिसीन की जानकारी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे।
>तकनीक हमारी पार्टनरशिप की मजबूत आधारशिला बनेगा। मोदी ने पैन अफ्रीका ई नेवटर्क का जिक्र किया । मोदी ने कहा कि यह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का सपना था।
>अफ्रीका में एग्रीकल्चर महाद्वीप की तरक्की का कारण बन सकता है। भारत की सस्ते मेडिसीन सेवाओं में एक्सपर्टीज अफ्रीका के काम आ सकती है। भारत बीमारी से लड़ने में मदद करेगा।
>हम अपने दरवाजे और खोलेंगे। मानव संसाधनों का विकास ही हमारी पार्टनरशिप का आधार है।
>आज क्लाइमेंट चेंज के इशू पर भारत और अफ्रीका से ज्यादा चिंतित कोई नहीं है।
>अफ्रीका और भारत ग्लोबल इकोनमी में उम्मीद और अपॉर्चुनिटी के बिंदु हैं।
>हमने साथ में यह सफर किया है, अब हमारे भविष्य भी एक दूसरे से जुड़ गए हैं।
>आज मानवता का एक तिहाई हिस्सा एक छत के नीचे आया है। हमारी संस्कृति में समानता है।
>हमारे देश के 90 पर्सेंट इलाकों में मोबाइल की पहुंच है।
>125 करोड़ भारतीयों और 125 करोड़ अफ्रीकी लोगों की धड़कनें एक हो गई हैं।
>इंडिया और अफ्रीका की 2 तिहाई आबादी 35 साल से नीचे की है। हमारा भविष्य युवाओं के हाथों में है।
>यह सिर्फ सम्मेलन नहीं है। युवाओं को मौके की जरूरत है। आतंकवाद से मिलकर लड़ने की जरूरत।
मोदी की जैकेट डिप्लोमेसी
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अफ्रीकी देशों के हेड्स और प्रतिनिधियों को बुधवार रात डिनर दिया। प्रगति मैदान के क्राफ्ट म्यूजियम में आर्गनाइज इस डिनर की खास बात यह थी कि अफ्रीकी नेता भारतीय लिबास में शामिल हुए। ये लिबास भारत सरकार ने ही तैयार करवाए थे। ड्रेस की सिलाई के लिए अफ्रीकी नेताओं की माप पहले से ही मंगा ली गई थी। अफ्रीकी नेताओं की ड्रेस में मोदी जैकेट्स भी शामिल था।
क्या है इस समिट का मकसद?
भारत-अफ्रीका के 54 देशों के बीच रिश्ते मजबूत करने के मकसद से इंडिया-अफ्रीका फोरम समिट की शुरुआत की गई थी। पहली समिट 2008 में भारत में और दूसरी समिट 2011 में इथियोपिया में हुई थी। यह तीसरी समिट है।
भारत-अफ्रीका समिट में क्या खास?
– 54 अफ्रीकी देशों के लीडर भारत आए हैं।
– अफ्रीका के बाहर ऐसा पहली बार हो रहा है, जब उस रीजन के नेता एक जगह इकट्ठा हुए।
– समिट के लिए स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे इंतजाम हैं।
– 54 अफ्रीकी देशों के लीडर भारत आए हैं।
– अफ्रीका के बाहर ऐसा पहली बार हो रहा है, जब उस रीजन के नेता एक जगह इकट्ठा हुए।
– समिट के लिए स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे इंतजाम हैं।
भारत-अफ्रीका एक-दूसरे के लिए कितने अहम?
– भारत-अफ्रीका के बीच अभी दोनों तरफ का कारोबार 70 अरब डॉलर का है।
– भारत का मुकाबला चीन से है, क्योंकि चीन-अफ्रीका के बीच यह कारोबार 200 अरब डॉलर है।
– भारत छह अफ्रीकी देशों को पीसकीपिंग में भी ट्रेनिंग दे रहा है।
– भारत 26 फीसद क्रूड ऑयल इम्पोर्ट अफ्रीकी देशों से कर रहा है।
– अफ्रीकी देशों में 27 लाख भारतीय रहते हैं।
– भारत में 25 हजार से ज्यादा अफ्रीकी स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं।
– भारत-अफ्रीका के बीच अभी दोनों तरफ का कारोबार 70 अरब डॉलर का है।
– भारत का मुकाबला चीन से है, क्योंकि चीन-अफ्रीका के बीच यह कारोबार 200 अरब डॉलर है।
– भारत छह अफ्रीकी देशों को पीसकीपिंग में भी ट्रेनिंग दे रहा है।
– भारत 26 फीसद क्रूड ऑयल इम्पोर्ट अफ्रीकी देशों से कर रहा है।
– अफ्रीकी देशों में 27 लाख भारतीय रहते हैं।
– भारत में 25 हजार से ज्यादा अफ्रीकी स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं।