देवउठनी ग्यारस 22 नवंबर को है। इसके बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे, लेकिन इसकी शुरुआत 26 नवंबर से होगी। ग्यारस के बाद इस साल शादी के सिर्फ आठ शुभ मुहूर्त हैं, जबकि अगले साल सिंहस्थ के चलते मात्र 28 मुहूर्त रहेंगे। इस बार अबूझ मुहूर्त में से एक माने जाने वाली देव प्रबोधिनी एकादशी पर मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
ज्योतिर्विदों के अनुसार, देवउठनी ग्यारस पर इस बार विवाह के लिए आवश्यक ग्रह-नक्षत्रों की अनुकूलता नहीं होने से विवाह नहीं होंगे। पं. नवलकिशोर ने बताया, 22 नवंबर को भगवान के शयन से जागने के बाद पंचांग में विवाह मुहूर्त नवंबर में 26 व 27 और दिसंबर में 4, 7, 8, 12, 13 व 14 हैं। गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार सहित अन्य शुभ कार्य भी शुरू हो जाएंगे। सिंह राशि में गुरु होने से लोगों के मन में विवाह मुहूर्त को लेकर संशय है। इसके लिए गुरु का जाप-दान और पूजन करने के बाद विवाह किए जा सकेंगे।
जनवरी से अप्रैल तक हैं कुल 20 मुहूर्त
इस बार 2016 में विवाह के मुहूर्त कम हैं। जनवरी से अप्रैल तक 20 मुहूर्त हैं। इसके बाद 28 अप्रैल से 12 जुलाई तक शुक्र तारा अस्त होने और 15 जुलाई को देव सोने के कारण विवाह नहीं हो पाएंगे। दोबारा विवाह की शुरुआत 16 नवंबर 2016 से होगी। नवंबर और दिसंबर 2016 में आठ मुहूर्त हैं। इसके चलते अगले साल सिर्फ 28 मुहूर्त हैं।
जनवरी 2016 में मुहूर्त: 15, 19, 20, 29
फरवरी 2016 में मुहूर्त: 4, 5, 22, 24
मार्च 2016 में मुहूर्त: 2, 5, 10
अप्रैल 2016 में मुहूर्त: 16, 17, 18, 19, 20, 22, 23, 26, 27
नवंबर, 2016 में मुहूर्त: 16, 23, 24
दिसंबर, 2016 में मुहूर्त: 1, 3, 8, 9, 12