करदाताओं के साथ ईमेल के जरिए कम्युनिकेशन को प्रामाणिकता देने के लिए वित्त मंत्रालय ने आयकर विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे ऐसे पत्रों और नोटिस में उनके ईमेल और आधिकारिक फोन नंबरों का जिक्र अनिवार्य तौर पर करें. जानकारी के मुताबिक राजस्व सचिव हसमुख अधिया के निर्देश पर इस संबंध में कुछ समय पहले आधिकारिक आदेश जारी किया गया है.
इस आदेश के मुताबिक अब से सीबीडीटी, इसके निदेशालय और क्षेत्रीय कार्यालय समेत राजस्व विभाग के कोई भी अधिकारी करदाताओं को जारी किए जाने वाले किसी भी नोटिस या पत्र में ईमेल और दफ्तर का फोन नंबर, अधिकारी का हस्ताक्षर अवश्य होना चाहिए ताकि करदाताओं की सुविधा के लिए विभाग के साथ इलेक्ट्रॉनिक आधार पर संवाद कायम किया जा सके.
आदेश में कहा गया,‘सभी से आग्रह है कि कृपया यह सुनिश्चित करें कि उक्त आदेश का सख्ती से पालन हो.’ एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पहल इलेक्ट्रॉनिक संवाद को प्रामाणिकता प्रदान करने के लिए की गई है क्योंकि कई बार ऐसे संवादों की नकल या करदाताओं की गैर कानूनी तरीके से जानकारी हासिल करने की कोशिश की जाती है.
उन्होंने कहा ‘संदेह की स्थिति में करदाता या प्राप्तकर्ता आयकर विभाग या आकलन अधिकारी द्वारा भेजे जाने वाले नोटिस या पत्र की प्रामाणिकता जांच सकते हैं. आयकर विभाग की यह सुरक्षित और विश्वसनीय ई-संवाद की कोशिश है.’ आयकर विभाग ने हाल ही में करदाताओं का आकलन ईमेल के आधार पर करने की पायलट परियोजना की शुरुआत की थी. यह शुरुआत कुछ ही शहरों में की गई है.