रतलाम। सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार गणतंत्र दिवस पर रतलाम पहुंचकर ध्वजारोहण कर मुख्य परेड की सलामी ली। देश भक्ति की धुन के साथ पुलिस के बैण्ड की मौजूदगी में 16 अलग-अलग दलों ने परेड में हिस्सा लिया। झण्डा वंदन के बाद मुख्यमंत्री ने परेड की सलामी ली। गणतंत्र दिवस के अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की।

प्रदेश के नाम अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गणतंत्र मप्र को स्वर्णिम बनाने की दिशा में हमें और अधिक संकल्पित होकर कार्य करने की प्रेरणा दे रहा है। आज प्रदेश बीमारू राज्य की छाप को धो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा मेरा विश्वास है कि जब तक हम प्रदेश की आधी आबादी मां, बहन और बेटी को विकास से नहीं जोड़ेंगे। प्रदेश का विकास पूरा नहीं होगा। बेटियों का मान ही मध्यप्रदेश का सम्मान है।

मुख्यमंत्री ने तकरीबन आठ बार शेर और कविताओं के जरिए प्रदेश के विकास और राष्ट्रनायिकों के सम्मान की बात कही। उन्होंने सरफरोशी की तम्मना अब हमारे दिल में है देखना है जोर कितना… के जरिए कहा कि देश की आजादी के जननायकों का जिक्र किया। महात्मा गांधी से लेकर सुभाषचंद्र बोस सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ ही देश की सीमाओं पर शहीद हुए जवानों को भी उन्होंने नमन किया। इस दौरान रतलाम के शहीद जवान चम्पालाल का भी जिक्र किया। प्रदेश के नाम संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने कृषि, शिक्षा, स्वास्थ सहित बिजली उत्पादन, रोजगार, औद्योगिक निवेश व महापंचायत तथा ग्राम चौपाल का भी जिक्र किया। इसके पूर्व मुख्यमंत्री के साथ उनकी पत्नी साधना सिंह ने भी मुख्य समारोह में शिरकत की।

By parshv