अब जोमैटो में छंटनी शुरू, 4% कर्मचारियों को निकालेगी कंपनी

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को-फाउंडर मोहित गुप्ता के इस्तीफे के बाद अब फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) ने कर्मचारियों की छंटनी (zomato layoffs) की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि, चुनौतीपूर्ण माहौल में कंपनी को मुनाफे में लाने और इसकी लागत कम करने के लिए ये छंटनी कर रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रोडक्ट, टेक, कैटलॉग और मार्केटिंग जैसे फंक्शंस में कम से कम 100 एम्प्लॉई पहले ही छंटनी का शिकार हो चुके हैं. हालांकि, सप्लाई चेन के एम्प्लॉईज प्रभावित नहीं हुए हैं. कंपनी का प्लान अपने टोटल वर्कफोर्स में से कम से कम 4% एम्प्लॉईज की छंटनी करने का है. गुरुग्राम बेस्ड कंपनी में अभी करीब 3,800 एम्प्लॉईज काम करते हैं.

आपको बता दें कि जोमैटो ने आखिरी बार 2020 में छंटनी की थी, तब कंपनी ने महामारी के कारण कारोबार में मंदी के चलते 4,320 में से लगभग 13% स्टाफ यानी 550 से ज्यादा एम्प्लॉईज को निकाल दिया था. शुक्रवार को कंपनी के को-फाउंडर मोहित गुप्ता ने इस्तीफा दिया था. हाल के दिनों में जोमैटो से यह तीसरा हाई-प्रोफाइल इस्तीफा है. इस सप्ताह की शुरूआत में जोमैटो ने घोषणा की कि राहुल गंजू ने अपना 5 साल का कार्यकाल समाप्त कर दिया है. महीने की शुरूआत में, जोमैटो के वैश्विक विकास के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ झावर ने भी अपनी विदाई की घोषणा की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जोमैटो के फाउंडर और सीईओ दीपेंदर गोयल ने पिछले दिनों इस बात के संकेत दे दिए थे कि कंपनी के जो सेंगमेंट अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, उनमें नौकरियां खत्म की जा सकती है.

दरअसल, जोमैटो इन दिनों कई बड़े बदलावों से गुजर रहा है. हाल ही में कंपनी ने ऐलान किया था कि यूएई में उनकी डिलीवरी सेवाएं बंद हो जाएंगी. बताया गया था कि वहां रह रहे लोगों के ऑर्डर को किसी दूसरे ऐप पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा. वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कंपनी के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि फूड-ऑर्डरिंग ऐप Zomato ने नियमित प्रदर्शन-आधारित छंटनी के हिस्से के रूप में अपने कर्मचारियों की संख्या में 3 प्रतिशत तक की कटौती की है. हमारे कार्यबल के 3 प्रतिशत से कम का नियमित कर्मचारियों के प्रदर्शन को लेकर मंथन होता रहा है, इससे ज्यादा कुछ नहीं है, सभी कार्यों में कम से कम 100 कर्मचारी प्रभावित हुए हैं, यह प्रक्रिया पिछले दो सप्ताह से चल रही है. जोमैटो ने पिछले गुरुवार को दूसरी तिमाही में कम नुकसान की सूचना दी. ऑनलाइन ऑर्डर में निरंतर वृद्धि से मदद मिली. कंपनी ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि 30 सितंबर को समाप्त तीन महीनों के लिए समेकित शुद्ध घाटा 2.51 अरब रुपये था, जबकि एक साल पहले यह 4.30 अरब रुपये था. वहीं परिचालन से राजस्व 10.24 बिलियन रुपए से बढ़कर 16.61 बिलियन रुपए हो गया.