नोटबंदी के बाद बैंकों में 3 से 4 लाख करोड़ का काला धन हुआ जमा

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नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गई राशि की जांच पड़ताल में सरकार को करीब तीन से चार लाख करोड़ रुपये की आय में टैक्स चोरी का पता चला है। यह राशि नोटबंदी के बाद 500, 1,000 रुपये के पुराने नोट जमा कराने की 50 दिन की अवधि में जमा कराई गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग को इनकी जांच पड़ताल करने को कहा गया है जिसके बाद 3-4 लाख करोड़ रुपये की संदिग्ध टैक्स चोरी वाली राशि जमा कराने वालों को नोटिस भेजे जाएंगे।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे पास अब काफी आंकड़े उपलब्ध हैं। इनके विश्लेषण से पता चलता है कि नोटबंदी के बाद 60 लाख से अधिक बैंक खातों में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा कराई गई। इस दौरान कुल 7.34 लाख करोड़ रुपये की राशि बैंक खातों में जमा कराई गई।’’ उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में विभिन्न बैंक खातों में 10,700 करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा कराई गई। आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय सहकारी बैंकों में विभिन्न खातों में जमा कराई गई 16,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि की भी पड़ताल कर रहे हैं।

अधिकारी ने बताया कि नोटबंदी के बाद 25,000 करोड़ रुपये निष्क्रिय पड़े बैंक खातों में जमा कराए गए जबकि 8 नवंबर 2016 के बाद 80,000 करोड़ रुपये के कर्ज का नकद राशि में भुगतान किया गया। गौरतलब है कि सरकार ने 8 नवंबर 2016 को अचानक 500 और 1,000 रुपये के नोट चलन से वापस ले लिए थे। सरकार ने इन अमान्य नोटों को बैंक खातों में जमा कराने या फिर नई मुद्रा से बदलवाने के लिये 30 दिसंबर तक का समय दिया था।

इससे पहले, सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अलग-अलग टैक्स की वसूली का आंकड़ा पेश किया। जेटली ने बताया कि नोटबंदी के बाद सिर्फ कस्टम्स ड्यूटी को छोड़कर सभी तरह के टैक्स कलेक्शन में अच्छी-खासी वृद्धि हुई है।