महिलाओं को एम्पॉवर करने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए की जा रही कोशिशों को शब्दों में बया करते बड़े-बड़े टीवी स्क्रीन मंगलवार को मुंबई स्थित एनसीपीए के सभागार में देश के पहले महिला बैंक की जरूरत को रेखांकित कर रहे थे। देश के पहले भारतीय महिला बैंक का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उद्घाटन किया। इस मौके पर सोनिया गांधी और पी. चिदंबरम भी मौजूद थे। इस बैंक की खासियत है कि इसमें महिलाएं ही कर्मचारी होंगी । महिलाओं को अपनी मनपसंद घरेलू कामों के साथ-साथ छोटे-मोटे कारोबार के लिए कर्ज मिल सकेगा।
गौरतलब है कि इस फाइनैंशल ईयर के बजट में फाइनैंस मिनिस्टर ने महिला बैंक का प्रस्ताव रखा था और उसके लिए 1,000 करोड़ रुपये पूंजी आवंटित की गई थी। शुरुआत में बैंक की 7 ब्रांच होंगी जिसके तहत मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नै, अहमदाबाद, लखनऊ, गुवाहाटी भी ब्रांच खुलेगी। मार्च 2014 तक महिला बैंक की 25 ब्रांच खोलने की सरकार की योजना है।
बैंक ने सात शाखाओं के साथ कामकाज शुरू किया है। सभी प्रकार की सेवाएं देने वाला बैंक मुख्य रुप से महिलाओं को सेवा देगा। साल के अंत तक शाखाओं की संख्या 39 होगी और 127 एटीएम। सिंह ने कहा कि महिला बैंक महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में केवल छोटा कदम है।
लोन सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगे। महिलाओं को छोटे-छोटे लोन अमाउंट बिना कोलेट्रल के ही मिलेगा। महिलाओं के लिए स्पेशल प्रोडक्ट तो हैं ही। महिलाओं के लिए जॉब के अवसर पैदा कर उन्हें एम्पॉवर करना, महिलाओं की फाइनैंशल नीड्स को डील करने के लिए स्पेशल सुविधाएं दी जा रही हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र का यह पहला बैंक है जिसके निदेशक मंडल के सभी सदस्य महिलाएं हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में राजस्थान के एक गांव की सरपंच छवि राजावत और गोदरेज की तान्या दुबाश। भारतीय महिला बैंक विदेशों में भी ब्रांच खोली जाएगी। अभी विभिन्न पीएसयू बैंक की महिलाकर्मी है स्टाफ मेंबर।