लंदन। भारत में कारोबार करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरकार के इरादे पक्के हैं। वह इसके लिए कदम बढ़ा चुकी है। इस दिशा में और बदलाव किए जाएंगे। भारत में निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कोशिशें जारी हैं। करों को तर्कसंगत बनाने के साथ उन्हें घटाने के प्रयास होंगे। अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ये बातें कहीं। वह बोले कि भारत की विकास दर चालू वित्त वर्ष में साढ़े सात फीसद रहने का अनुमान है। जेटली ब्रिटेन के दौरे पर हैं। शनिवार को वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से भी मिले।

‘भारत में निवेश के अवसर’ विषय पर यहां दुनिया भर से जुटे निवेशकों को जेटली ने संबोधित किया। उन्होंने बताया कि पारदर्शी कर प्रणाली बनाने की कोशिश की जा रही है। सुधारों और बाधाओं के बीच वैचारिक लड़ाई है। सरकार के इरादे मजबूत हैं। रोडमैप बिल्कुल स्पष्ट है। भारत में निवेश की बड़ी जरूरत है। साथ ही कारोबार करने की प्रक्रिया को आसान बनाना होगा। धीरे-धीरे इस दिशा में बदलाव किए जा रहे हैं। भारतीय वित्त मंत्री केयर्न इंडिया से 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का आयकर मांगे जाने के मुद्दे पर भी बोले। उन्होंने साफ कहा कि पिछली तारीख से टैक्स लागू करने का मुद्दा संप्रग सरकार की देन है। नई सरकार की कर नीतियां निवेशकों के अनुकूल हैं। दुनिया भर के निवेशकों में भारत को लेकर बहुत ज्यादा उत्साह है। इसलिए केयर्न के टैक्स मामले का कोई असर नहीं पड़ेगा।

साख में सुधार को प्राथमिकता

नई सरकार की प्राथमिकता भारतीय अर्थव्यवस्था की साख को सुधारना है। राजकोषीय घाटे में कमी आ रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जा रहा है। प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। स्पेक्ट्रम और कोयला खदानों की सफल नीलामी ने दिखाया है कि कैसे भ्रष्टाचार को दूर किया जा सकता है। इस नीलामी से सरकार के पास तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम आने की उम्मीद है। कुल मिलाकर देश में स्थितियां अनुकूल हैं।

स्पेक्ट्रम और कोयला खदानों की नीलामी का उदाहरण देते हुए जेटली ने पिछली संप्रग सरकार पर हमला किया। कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अपना तरीका था। संकट कभी नहीं पैदा होता, लेकिन लाचारी की भावना थी। कार्यभार संभालने के कुछ ही महीनों के भीतर सिंह ने कोयले के संबंध में नीलामी प्रक्रिया की घोषणा कर दी। लेकिन, दस साल में वह इसे अमलीजामा नहीं पहना सके। इस तरह की प्रणाली को कैसे जारी रखा जा सकता है।’

तेज होगी अर्थव्यवस्था की रफ्तार

एक अन्य कार्यक्रम में पहुंचे जेटली ने कहा कि भारत सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। नई सरकार के आते ही अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी है। चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर साढ़े सात फीसद तथा अगले साल और भी तेज होने की पूरी उम्मीद है। बीते कुछ साल में विकास की गति धीमी हुई थी। प्राथमिकताएं स्पष्ट नहीं थीं। नीतिगत मसलों पर निर्णय लेने में देरी का आरोप लग रहा था। लेकिन अब स्थितियों में सुधार हुआ है।

जीपी हिंदुजा को सम्मानित किया

 वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रमुख उद्योगपति जीपी हिंदुजा को पहले एनआरआइ फाउंडेशन अवार्ड से सम्मानित किया। हिंदुजा ग्रुप के को-चेयरमैन को दस अलग-अलग क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति दर्ज करने के साथ ब्रिटेन और भारत में परोपकारी कार्यों के लिए यह सम्मान दिया गया।

By parshv