कॉरपोरेट खेती के लिए जमीन खरीदने की कोई योजना नहीं -रिलायंस

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देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा है कि कॉरपोरेट खेती के लिए उसका पंजाब-हरियाणा या देश में कहीं भी खेती की जमीन खरीदने का कोई इरादा नहीं है.

गौरतलब है कि किसानों के बीच ऐसी धारणा बनी है कि नए कृषि कानूनों से मुकेश अंबानी-गौतम अडानी जैसे उद्योगपतियों को फायदा होगा और कॉरपोरेट के लोग उनकी जमीनें हड़प लेंगे. इसलिए किसान इन कंपनियों के संसाधनों पर ही अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. पंजाब में आंदोलनकारियों ने जियो से जुड़े 1500 से ज्यादा टेलीकॉम टावर को नुकसान पहुंचाए हैं.

कंपनी ने कहा कि उसका कृषि कानूनों से कोई लेना-देना नहीं है और इनसे उसे जोड़कर उसके कारोबार और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सब्सिडियरी रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड (RJIL) ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में कहा है कि तीनों कृषि कानूनों से उसका कोई लेना-देना नहीं है इससे किसी भी तरह से उसका कोई फायदा नहीं है. कंपनी ने कहा कि रिलायंस रिटेल, जियो इन्फोकॉम या इनसे जुड़ी कोई भी कंपनी ने कभी भी ‘कॉरपोरेट’ या ‘कॉन्ट्रैक्ट’ खेती नहीं की है और निकट भविष्य में भी उसका ऐसा करने का कोई इरादा नहीं है.

कंपनी ने कहा, ‘रिलायंस और उसकी किसी सब्सिडियरी ने पंजाब, हरियाणा या देश के किसी भी हिस्से में कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट खेती के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि भूमि नहीं खरीदी है. हमारा आगे भी ऐसा करने की कोई योजना नहीं है.’

कंपनी ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि वह उसके टावरों को नुकसान पहुंचाने के अवैध कार्रवाई को रोकने के लिए दखल दे. कंपनी ने अपनी याचिका में कहा, ‘हिंसा की कार्रवाई से उसके हजारों कर्मचारियों का जीवन खतरे में आया है और जरूरी संचार, बिक्री और सेवा ढांचे में बाधा उत्पन्न हुई है.’

रिपोर्ट के मुताबिक अब तक पंजाब में 1500 से ज्यादा मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है, कई मोबाइल टावरों की बिजली काट दी गई तो कई जगह तार के बंडल जला दिए गए हैं.

आरोप है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान और उनके सहयोगी मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इससे पहले किसानों पर रिलायंस पेट्रोल पंप, रिलायंस रिटेल पर अपना गुस्सा उतारने का आरोप लगा था. पिछले कुछ दिनों में पंजाब में मोबाइल टावर की पावर काटने, बिजली के तार काटने की घटनाएं सामने आ रही थीं.