नई दिल्ली। उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कई आवश्यक दवाइयों की कीमतें घटाने वाले उसके आदेश पर अधिसूचना जारी होने के बाद घटे दाम तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएंगे। न्यायमूर्ति आरएम लोढा और कुरियन जोसेफ की पीठ ने दवा कंपनियों और वितरकों की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अधिसूचना प्रकाशित होने के 15 दिन के भीतर लागू की जाए। साथ ही मौजूदा स्टॉक को ऊंची कीमतों पर भी न बेचा जाए। याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि मौजूदा स्टॉक को अधिसूचना लागू होने तक ऊंची कीमतों पर बेचने की अनुमति दी जाए।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दवा कीमत नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ) की अधिसूचना जारी होने के बाद दवाइयों के बिना बिके स्टॉक पर भी संशोधित व कम कीमतें लागू होंगी। शीर्ष अदालत ने केंद्र की दलील पर हामी भरी। पीठ ने कहा, ‘डीपीसीओ के पैरा 14 से स्पष्ट है कि एक बार कीमतें अधिसूचित होने के बाद तत्काल लागू होंगी। दवा निर्माताओं को बिना बिके स्टॉक की उचित व्यवस्था के लिए 15 दिन का वक्त दिया गया है। अगर निर्माताओं या वितरकों की दलील स्वीकार कर ली जाए तो एक ही फार्मूला की दवाई अलग-अलग कीमतों पर बेचे जाने का जोखिम रहेगा।’ दवा निर्माताओं व वितरकों ने दलील दी थी कि अधिसूचना जारी होने के बाद के 15 दिन के दौरान निर्माताओं द्वारा तैयार की गई दवाइयों को ऊंची कीमतों पर बेचा जा सकता हैं, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। यही नहीं कोर्ट के मुताबिक, यह भी हो सकता है कि निर्माता अधिसूचना जारी होने के बाद 15 दिन की अवधि में जबरदस्त उत्पादन कर दवाइयां ऊंची कीमतों पर बेचते रहें। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, जबकि दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय को दोषपूर्ण बताया।

By parshv