त्योहारी सीजन पर ई-कॉमर्स कंपनियों ने पूरी कस्टमर को लुभाने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए अमेजन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने बंपर फेस्टिवल सेल की घोषणा की है। लेकिन इसी बीच अब कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को चिट्ठी लिख कर इस सेल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। व्यापारी संगठन कैट का कहना है कि ये ई कॉमर्स कंपनियां जीएसटी और आयकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है। नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए केंद्र सरकार को एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करना चाहिए।
कंपनियां कर रही FDI नियमों का उल्लंघन
कस्टमर को लुभाने के लिए फ्लिपकार्ट ने 16 अक्टूबर से और अमेजन ने 17 अक्टूबर से बंपर फेस्टिवल सेल की घोषणा की है। कैट ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों का यह कदम भारत सरकार के एफडीआई नियमों का उल्लंघन है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवा का कहना हैकि त्योहारी मौसम में इन ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा बंपर सेल के तहत सामानों को वास्तविक मूल्य से भी कम पर बेचा जा रहा है।ये कंपनियां कई सामानों पर 10 से 80 फीसदी तक छूट दे रही हैं, जबकि इन पर जीएसटी लिया जाता है। ऐसे में, ये कंपनियां सरकारी खजाने को भी चूना लगाने की कोशिश में हैं।
बिजनेस टू कंज्यूमर डील करने लगी कंपनियां
कैट का कहना है कि मेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां सिर्फ बिजनेस टू बिजनेस डील करने के लिए ऑथराइज्ड है। लेकिन ये कंपनियां भारत में बिजनेस टू कंज्यूमर डील कर जांच एजेंसियों की आंखों में धूल झोंक रही हैं। बड़ी हैरानी है कि इसके बाद भी सरकार इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रही। केंद्रीय मंत्रियों को लिखे गए पत्र में साफ लिखा गया है कि देश के व्यापारी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वे व्यापार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल होना जरूरी मानते हैं।