कुछ दिन पहले देश की रिटेल दिग्गज फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटर किशोर बियानी ने अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 28,00 से 3,000 करोड़ रुपए जुटाने का फैसला लिया। अब दुनिया के रिटेल दिग्गज जैसे गूगल, अमेजॉन, अलीबाबा और वॉलमार्ट के बीच इस हिस्सेदारी को हासिल करने की होड़ मच गई है।
रिटेल की दुनिया के जानकारों का दावा है कि इस डील से भारत में रिटेल कारोबार का भविष्य तय होगा। दरअसल फ्यूचर ग्रुप के पास देश में 1034 रिटेल स्टोर, कुल 14.5 मिलियन स्क्वॉयर फीट रिटेल स्पेस के साथ 500 मिलियन ग्राहक प्रति वर्ष हैं। ग्राहकों की इतनी बड़ी संख्या के साथ वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान फ्यूचर ग्रुप का वार्षिक रेवेन्यू 18,200 करोड़ रहा। वहीं कंपनी का मार्केट कैपिटेलाइजेशन 26,090 करोड़ रुपए आंका गया है। कंपनी में प्रमोटर के पास कुल 40.33 फीसदी की हिस्सेदारी है।
दरअसल, बीते कुछ वर्षों से फ्यूचर ग्रुप को ऑनलाइन और ऑफलाइन रिटेल में रिलायंस रिटेल, वॉलमार्ट और अमेजॉन जैसे ग्लोबल दिग्गजों से कड़ी चुनौती मिल रही है। जहां एक तरफ ये ग्लोबल रिटेल दिग्गज भारत के रिटेल कारोबार में अपनी साख बनाने में जुटे हैं वहीं इनकी नजर 2025 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल इकोनॉमी पर भी है।
फ्यूचर ग्रुप को खरीदने के लिए पेटीएम और गूगल में रेस
फ्यूचर ग्रुप के शेयर्स खरीदने के लिए दो दिग्गज पेटीएम और गूगल रेस में हैं। जहां पेटीएम के जरिए चीन की रिटेल दिग्गज अलीबाबा भारत के ऑफलाइन रिटेल में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए आगे आई है वहीं गूगल की नजर ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन पर भी है।
वहीं देश में ऑफलाइन और ऑनलाइन रिटेल में एंट्री ले चुके अमेजॉन और वॉलमार्ट इस भारतीय दिग्गज ऑफलाइन रिटेलर फ्यूचर ग्रुप में अपनी हिस्सेदारी बनाने की तैयारी की है।
अलीबाबा का दांव
अलीबाबा भारतीय बाजार में पेटीएम में हिस्सेदारी के चलते मौजूद है। इस मोबाइल ट्रांजैक्शन प्लेटफॉर्म में अलीबाबा और सॉफ्टबैंक मौजूद हैं। देश के ई-कॉमर्स मार्केट में पेटीएम तीसरा बड़ा खिलाड़ी है। पेटीएम का मार्केट वैल्यूएशन 2 बिलियन डॉलर का है।
अलीबाबा की नजर मार्च 2019 तक भारतीय बाजार में अपनी ग्रॉस सेल मौजूदा 3.5 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 10 बिलियन डॉलर करने की है। मौजूदा समय में पेटीएम के जरिए देश में प्रतिदिन 6 लाख से अधिक ऑर्डर मिलते हैं।