नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश में प्लास्टिक मनी को बढावा देने और कैश लेस इकोनॉमी को प्रमोट करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। सरकार अब इंडियन रेलवे और बैंकों से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन चार्ज को कम करने की बात कह रही है। इससे पहले सरकार ने एयर इंडिया से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन चार्ज को करने के लिए कहा था।
सरकारी सर्विसेज के लिए कार्ड पेमेंट होगा सस्ता
– कैशलेस इकोनॉमी को प्रमोट करने के लिए सरकार ने कहा है कि वह डेबिट या क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग के जरिए होने वाली पेमेंट की ट्रांजैक्शन कॉस्ट खुद उठाएगी।
– फिलहाल, सरकार को दिए जाने वाले पेमेंट जिसे मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) कहा जाता है वह कस्टमर्स को ही देना पड़ता है।
सरकारी कंपनियों से शुरुआत
– सरकार की योजना के मुताबिक, एयर इंडिया ने अपनी वेबसाइट पर कार्ड के जरिए बुक होने वाले टिकट के ट्रांजैक्शन चार्ज खुद भरने का फैसला लिया है।
– बीएसएनएल भी इसे फॉलो कर रही है।
– नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया टैग इस्तेमाल करने वाले लोगों को कुछ कैशबैक की सुविधा देगी, जिससे उन्हें टोल प्लाजा पर भीड़ से निजात मिलेगी। साथ ही, लोग आराम से ड्राइविंग कर सकेंगे।
– पेट्रोल पंप्स ने भी क्रेडिट और डेबिट कार्ड के कुछ ट्रांजैक्शन्स को एमडीआर के लिए पास कर दिया है।
– सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने बैंकों से हर महीने कम से कम थोड़े से फंड ट्रांसफर को भुगतान-मुक्त रखने का आग्रह किया है।
– सरकार का कहना है कि एटीएम मशीनों से हर महीने कम से कम तीन फ्री विद्ड्रॉल और NEFT से फंड ट्रांसफर करते समय तीन ट्रांजैक्शंस फ्री रखे जाने चाहिए।
रेलवे को हो सकता है नुकसान
– रेलवे इस योजना का विरोध कर रहा है, क्योंकि इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) कार्ड से होने वाले ट्रांजैक्शन से करीब 600 करोड़ रुपए कमाता है।
– सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय रेलवे से बातचीत कर रहा है और उसने रेल यात्रियों के लिए लागत घटाने का आग्रह किया है।
– खासतौर पर तब जब रिजर्वेशन काउंटर पर बहुत भीड़ होती है और ऑनलाइन चैनलों ने ऑपरेशन की लागत कम कर दी है।
– IRCTC पर रोजाना लगभग 14 लाख टिकट बुक किए जाते हैं।