नई दिल्लीः पैट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज कहा कि सरकार पैट्रोल-डीजल के अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों पर नजर रख रही है लेकिन मुक्त बाजार कीमत निर्धारण व्यवस्था से पीछे नहीं हटा जाएगा। ईंधन के दाम कई साल के उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ उन्होंने यह बात कही।
प्रधान ने कहा कि अगर पैट्रोल और डीजल को जितनी जल्दी माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के दायरे में लाया जाता है, उपभोक्ताओं को लाभ होगा। अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजारों में दाम बढऩे से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पैट्रोल कीमत आज 4 साल के उच्च स्तर 73.83 रुपए लीटर जबकि डीजल की दर अबतक के उच्चतम स्तर 64.69 रुपए पर पहुंच गई। राष्ट्रीय राजधानी में यूरो-6 मानक वाले पैट्रोल और डीजल की बिक्री की शुरूआत को लेकर आयोजित कार्यक्रम में प्रधान ने कहा, ‘‘भारत को सभी को तेल उपलब्ध कराने के लिए बाजार आधारित कीमत व्यवस्था की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि ईंधन कीमत निर्धारण पारदर्शी प्रणाली पर आधारित है और भाव में तेजी का कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दाम का चढऩा है। ‘‘जब तेल के दाम चढ़ते हैं, निश्चित रूप से उपभोक्ताओं को तकलीफ होती है।’’ हालांकि मंत्री ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती जैसे कदम के लिए सरकार के हस्तक्षेप का कोई संकेत नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र तथा राज्य विकास जरूरतों को पूरा करने के लिए कर राजस्व पर निर्भर हैं। पैट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क का 42 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को जाता है और शेष 60 प्रतिशत का उपयोग राज्यों में विकास योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी के वित्त पोषण के लिए किया जाता है।’’