सोने की कीमत 25000/10 पर थम सकती है

0

goldनई दिल्ली, सोने की कीमत में पिछले वर्ष के मुकाबले 20 प्रतिशत तक गिरावट आई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस वर्ष सोने का भाव 25,000 से 26,000 रुपये के बीच बना रह सकता है। पिछले वर्ष सितबर में सोने का भाव 32,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के अधिकतम स्तर तक पहुंच गया था।एंजेल ब्रोकिंग में उत्पाद एवं मुद्रा के सहायक निदेशक नवीन माथुर ने कहा, “मध्यावधि तक खा

goldनई दिल्ली, सोने की कीमत में पिछले वर्ष के मुकाबले 20 प्रतिशत तक गिरावट आई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस वर्ष सोने का भाव 25,000 से 26,000 रुपये के बीच बना रह सकता है। पिछले वर्ष सितबर में सोने का भाव 32,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के अधिकतम स्तर तक पहुंच गया था।एंजेल ब्रोकिंग में उत्पाद एवं मुद्रा के सहायक निदेशक नवीन माथुर ने कहा, “मध्यावधि तक खास बढ़त की मुझे उम्मीद नहीं है। इस वर्ष कीमत 25,000 से 26,000 रुपये के बीच बनी रहेगी।”माथुर ने हालांकि कहा कि लंबी समयावधि (दो से तीन वर्ष) में सोने की कीमत 2012 के अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच जाने की आशा है।सोने की कीमत बुधवार को तीन साल के सबसे निचले स्तर 25,680 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। सप्ताहांत तक खुदरा खरीदारी के कारण सोने की कीमत में कुछ सुधार हुआ। शनिवार को सोने का कारोबार 27,100 रुपये के आस-पास हुआ।पिछले 12 वर्षो से लगातार सोने की कीमत में वृद्धि हो रही थी।साइप्रस और कर्ज से लदे कुछ अन्य यूरोपीय देशों द्वारा सोना बेचे जाने और शेयर बाजार में अत्यधिक खरीदारी के कारण ही सोने की कीमतों में गिरावट आई है।अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सितंबर 2011 के बाद सोने की कीमत में 28 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। सितंबर 2011 में सोने की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 1,920.30 डॉलर प्रति आउंस के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई थी। इसी वर्ष सोने की कीमत 18 प्रतिशत तक लुढ़क चुकी है। शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने का कारोबार 1,400 डॉलर प्रति औंस के दर पर हुआ।अमेरिका के बहुराष्ट्रीय बैंक गोल्डमैन सैक के अनुसार सोने की कीमत अभी अस्थायी तौर पर 1,200 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकती है। बैंक द्वारा 12 महीनों के पूर्वानुमान के अनुसार सप्ताहांत तक सोने की कीमत 1,390 डॉलर प्रति औंस तक बने रहने की उम्मीद है।कच्चे उत्पादों, सोने और अन्य उत्पादों की कीमतों में कमी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। इससे भारत में मंहगाई पर लगाम लगाने और विकास में तेजी लाने में भी सहायता मिलेगी।