आयकर विभाग ने टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन को 14,200 करोड़ रुपये के टैक्स का नोटिस भेजा है. कंपनी से कहा गया है कि अगर टैक्स नहीं भरा जाता तो उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी. इसके बाद यूके की कंपनी वोडाफोन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वादे पर सवाल उठाए हैं, जिसमें उन्होंने विदेशी निवेशकों के लिए टैक्स फ्रेंडली माहौल बनाने का भरोसा दिलाया था.
वोडाफोन ने एक बयान जारी कर कहा, ‘2014 में भारत सरकार ने कहा था कि कई मौजूदा टैक्स विवादों(वोडाफोन समेत) को मौजूदा कानूनी प्रक्रिया के तहत सुलझा लिया जाएगा.’
वोडाफोन ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक वीक(मेक इन इंडिया) में विदेशी निवेशकों के सामने टैक्स फ्रेंडली माहौला को प्रमोट करते हैं लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार और आयकर विभाग के बीच तालमेल नहीं है.’
भारत सरकार ने विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए मुंबई में ‘मेक इन इंडिया वीक’ का आयोजन किया था और शनिवार को पीएम मोदी इस कार्यक्रम का उद्घाटन करने पहुंचे थे.
पीएम ने किए थे वादे
मोदी ने कहा था, ‘हमने कर-निर्धारण के मामले में कई सुधार किए हैं. हम पूर्वव्यापी कर-निर्धारण का सहारा नहीं लेंगे. और मैं इस वादे को फिर से दोहराता हूं. हम अपनी कर व्यवस्था को पारदर्शी, स्थिर और उम्मीद के मुताबिक बनाने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं.’
ब्याज-जुर्माने से कर दोगुना
वोडाफोन का बेसिक टैक्स 7,990 करोड़ था लेकिन ब्याज और जुर्माना लगने के बाद कुल बकाया 20,000 करोड़ तक हो गया. फिलहाल आयकर विभाग ने कंपनी को 14,200 करोड़ रुपये के टैक्स का नोटिस भेजा है.
क्या है मामला?
2007 में वोडाफोन ने 11 बिलियन अमेरिकी डॉलर में हचिसन वैम्पोआज इंडिया(हच) का अधिग्रहण किया था. आयकर विभाग ने वोडाफोन से टैक्स की मांग की लेकिन उसने ये कहते हुए टैक्स देने से इनकार कर दिया कि पैसों का लेन-देन भारत से बाहर हुआ. आयकर विभाग ने 4 फरवरी को वोडाफोन इंटरनेशनल होल्डिंग्स को नोटिस भेजकर 14,200 करोड़ के टैक्स की मांग की है.
अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में मामला
ये मामला अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में चल रहा है. वोडाफोन ने टैक्स को लेकर बढ़े विवाद के बाद अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट का रुख किया था. कंपनी ने कहा कि मामला कोर्ट में होने के बावजूद आयकर विभाग ने 14,200 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस भेजा है.