नई दिल्ली। लगभग 4 करोड़ ईपीएफ खाताधारकों को टैक्स से राहत मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। ईपीएफ टैक्स के मुद्दे पर बढ़ते विवाद के बाद अब सरकार ने प्रस्तावित प्रावधानों में संशोधन करने का मन बना लिया है।
सोमवार को साल 2016 के बजट की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रावधान दिया था कि 1 अप्रैल 2016 से ईपीएफ खाते से पैसा निकालने पर भी टैक्स लगेगा। नेशनल पेंशन स्कीम 138 के तहत सेवानिवृत्ति के समय कुल रकम की 40% निकालने पर टैक्स में छूट दी जाएगी। बाकी 60% पर टैक्स लगेगा। हालांकि 31 मार्च 2016 से पहले जमा राशि को प्रस्ताव में इस प्रावधान से छूट प्रदान की गई है। माना जा रहा है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली मंगलवार को इसकी घोषणा कर सकते हैं। बजट में ईपीएफ विदड्रॉल के 60 फीसदी कॉरपस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाने की बात कही गई थी।
इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि वह टैक्स प्रस्ताव में बदलाव तभी कर सकते हैं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे ऐसा करने के लिए कहेंगे। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टैक्स प्रस्ताव में बदलाव पर विचार करने के लिए कहा है, जिसके बाद संशोधन लगभग तय माना जा रहा है।
रिटायरमेंट सेविंग पर टैक्स लगाने पर तमाम विशेषज्ञों, ट्रेड यूनियनों और राजनीतिज्ञों ने विरोध दर्ज कराया था। यहां तक कि आरएसएस से जुड़े ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ ने भी इसका कड़ा विरोध किया था और इसे मजदूरों के साथ नाइंसाफी बताई है। तमाम मजदूर संगठनों ने इसके विरोध में 10 मार्च को देशव्यापी हड़ताल पर भी जाने का फैसला किया था।
सरकार इस मसले पर कई और रास्ते तलाश रही है, जिसके तहत अप्रैल 2016 से इकट्ठा कॉरपस पर मिलने वाले ब्याज पर ही टैक्स लगाने का विचार भी शामिल है। इसमें मूल धन को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। इसके अलावा एक अन्य विकल्प के तहत अप्रैल 2016 के बाद खोले गए खातों पर ही टैक्स लगाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है।
वहीं सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक श्रम मंत्रालय ने भी इसमें बदलाव के लिए जोर दिया था। मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक इस मुद्दे पर गुरुवार को लंबी बैठक हुई, जिसमें टैक्स प्रस्ताव के विरोध में मत सामने आए।