जैकपौट पे जैकपौट – फिल्म रिव्यु

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इमालवा – बॉलीवुड | सिनेमा इंडिया 18 मोशन पिक्चर्स के बैनर तले बन रही पहली फिल्म जैकपौट पे जैकपौट जिसका र्निदेशन दिल्ली रंगमंच के प्रसिद्ध कलाकार दीपक ओचाने ने किया है बड़े पर्दे पर रिलीज़ के लिए तैयार है। दीपक ओचाने थियेटर और मीडि़या के क्षेत्र में 25 से अधिक वर्षों से सकि्रय है। इन्होंने बतौर अभिनेता कर्इ जाने माने निर्देशक जैसे सतीश कौशिक, अनिल चौदार, आंनद वर्धन;एन.एस.डी.द्ध के साथ काम किया है। इसके अलावा इन्होंने सतीश कौशिक, अनु कपूर, अनुपम खेर, पकंज कपूर, शाहरूख खान, ओम पुरी जैसे बड़े-बड़े कलाकारों के साथ सह-निर्देशक काम किया है। इन्होंने नाटकों, रेडियो और टी.वी. धारावाहिकों का भी निर्देशन किया है। नैनज्योति, सावित्री, कुमारसम्भव, आंसू, छाया, आदि डी.डी. पर प्रसारित होने वाले मशहूर धारावाहिकों में से एक है।

इन्होंने नाटकों को भी निर्देशित किया है जो ढार्इ अक्षर प्रेम के, खज़ाना, बीवियों का मदरसा, सूर्य की अनितम किरण आदि है। सूर्य की अनितम किरण को 2002 में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के अंतराष्ट्रीय रंगमंच समारोह में खूब सराहना मिली थी। इस फिल्म की निर्माता श्रीमति नूतन वाटवानि ओचानी है। जिसमें श्री दीपक ओचानी जी की सहायक निर्देशिका दीप्ती श्रीवास्तव है और सभी मीडिया प्रोमोशन कार्य डिम्पल गुप्ता और दीपिका शर्मा के द्वारा किया गया है।

‘जैकपोट पे जैकपोट की फिल्म का संगीत कर्इ प्रतिभाशाली और लोकप्रिय गायकों ने अपनी आवाज़ से सजाया है। जो सा रे गा मा पा के विजेता देबोजीत सिहं, पंजाब की मशहूर आवाज़ प्रीत हरपाल सिहं और अमेरिका की गायक अनीता लार्चे है। ‘जैकपोट पे जैकपोट की शूटिंग सिंगापुर, एम्सटरडेम, कसौली और दिल्ली के कर्इ नामचीन बार और रेस्तरां में हुर्इ है। इस फिल्म की खासियत यह है कि इस फिल्म से जुड़े सभी कलाकार दिल्ली के है। जिनमें से कर्इ दिल्ली के जाने माने रंगमंच एन.एस.डी. से जुड़े है साथ ही साथ फिल्म के लेखक से लेकर सपांदक, टेक्नीशियन सभी दिल्ली के हैं।

कुछ दिन पहले हुए एक समारोह जिसमें फिल्म जगत की प्रसिद्व हसितयां जैसे अनुपम खेर, सतीश कौशिक, करन राज़दान तथा दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमति शीला दीश्रित ने भी शिरकत की। जिसमें इस बात पर विचार किया गया कि दिल्ली में भी मुबंर्इ की तरह फिल्मी जगत बनाया जाए। जिससे नए प्रतिभाशाली कलाकारों को ज़्यादा से ज़्यादा अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिले।
दीपक ओचाने ने इस दिशा में अपना पहला कदम बढ़ाया है। हो सकता है दीपक ओचाने की इस पहल से दिल्ली वालों को अपना पहला फिल्मी जगत जल्दी ही मिल जाए।