अभिनेता से नेता बने राज बब्बर और स्मिता पाटिल के बेटे प्रतीक बब्बर बड़े बैनर की फिल्म पाने के लिए अपने उपनाम का उपयोग करना पसंद नहीं करते और अपनी पहचान बनाने के लिए काम करते हैं।
प्रतीक ने कहा, अपने लिए अपना नाम कमाने से ज्यादा संतोषप्रद कुछ नहीं होता है। मैं फिल्म पाने के लिए अपने अभिभावकों के नाम का उपयोग नहीं करना चाहता, मैं अपने काम के आधार पर फ…

अभिनेता से नेता बने राज बब्बर और स्मिता पाटिल के बेटे प्रतीक बब्बर बड़े बैनर की फिल्म पाने के लिए अपने उपनाम का उपयोग करना पसंद नहीं करते और अपनी पहचान बनाने के लिए काम करते हैं।
प्रतीक ने कहा, अपने लिए अपना नाम कमाने से ज्यादा संतोषप्रद कुछ नहीं होता है। मैं फिल्म पाने के लिए अपने अभिभावकों के नाम का उपयोग नहीं करना चाहता, मैं अपने काम के आधार पर फिल्में पाना चाहता हूं।
उन्होंने कहा, अगर आप फिल्मी पृष्ठभूमि से भी हैं तो भी आपको खुद को साबित करना होता है। मैं अपने करियर से संतुष्ट हूं और काम पाने के लिए अपने उपनाम का उपयोग करना पसंद नहीं करता।
इस अभिनेता ने वर्ष 2008 में रिलीज हुई ‘जाने तू या जाने ना’ के साथ अपना करियर शुरू किया था और ‘धोबी घाट दम मारो दम’ ‘आरक्षण’, ‘एक दीवाना था’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया।