संजय दत्त सजा से बचने के लिए गए कोर्ट की शरण में

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इमालवा – बॉलीवुड | बॉलीवुड स्टार संजय दत्त सजा से बचने के लिए हर विकल्प का इस्तेमाल कर रहे हैं। पहले उन्होंने सरेंडर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से छह महीने की मोहलत मांगी, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार करते हुए सिर्फ चार हफ्ते की मोहलत दी थी।

अब संजय ने सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका दाखिल की है। ये याचिका सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दी गई है जिसमें संजय दत्त को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया था और पांच सजा सुनाई गई थी।

पुर्नविचार याचिका में कोर्ट से फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की गई है। 1993 के मुंबई ब्लास्ट से जुड़े एक मामले में जब संजय दत्त को पांच साल की सजा सुनाई गई थी तब उन्होंने कहा था कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं और सजा भुगतने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने यह भी कहा था कि वह रिव्यू पिटीशन (पुर्नविचार) दाखिल नहीं करेंगे, लेकिन जब उनकी सजा को माफ करने की मांग जोर शोर से उठने लगी तो उन्होंने अपना मन बदल लिया।

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली स्थित कानूनी टीम ने संजय दत्त की रिव्यू पिटीशन तैयार की और उसे शुक्रवार को कोर्ट में दाखिल किया। इस पर इस हफ्ते सुनवाई हो सकती है।

याचिका पर वही पीठ सुनवाई करेगी जिसने संजय दत्त को सजा सुनाई थी। याचिका में कहा गया है कि संजय दत्त टाडा कोर्ट से बरी हो चुके हैं, इसलिए टाडा कोर्ट में उनकी ओर से दिए गए बयान को आर्म्स एक्ट में बतौर सबूत इस्तेमाल नहीं किया जाए।

क्या है पुर्नविचार याचिका
अगर संजय दत्त की पुर्नविचार याचिका खारिज हो जाती है वह क्यूरिटीव पिटीशन दाखिल कर सकते हैं। अगर यह याचिका भी खारिज हो जाती है तो उनके जेल जाना ही होगा।

रिव्यू पिटीशन में दोषी यह दलील देता है कि उसकी ओर से रखे गए अमुक प्वाइंट को नहीं सुना गया इसलिए फैसले पर पुर्नविचार होना चाहिए। याचिका पर सुनवाई के दौरान अगर कोर्ट को लगता है कि वकील को बुलाना चाहिए तो वह ओपन कोर्ट में वकील की दलील सुन सकता है।