नामी-गिरामी सितारों के साथ और चमक-धमक वाली फिल्म बनाने के लिए मशहूर फिल्मकार करण जौहर का कहना है कि स्टार वैल्यू को ध्यान में रखकर वह किसी को फिल्म में नहीं लेते।कुछ कुछ होता है से उन्होंने निर्देशक के रूप में करियर की शुरूआत की थी। इस फिल्म में शाहरूख और काजोल थी। इसके बाद उनकी कभी खुशी कभी गम आयी जिसमें अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया, रितिक रोशन, क…
नामी-गिरामी सितारों के साथ और चमक-धमक वाली फिल्म बनाने के लिए मशहूर फिल्मकार करण जौहर का कहना है कि स्टार वैल्यू को ध्यान में रखकर वह किसी को फिल्म में नहीं लेते।कुछ कुछ होता है से उन्होंने निर्देशक के रूप में करियर की शुरूआत की थी। इस फिल्म में शाहरूख और काजोल थी। इसके बाद उनकी कभी खुशी कभी गम आयी जिसमें अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया, रितिक रोशन, करीना कपूर और शाहरूख-काजोल की उनकी पुरानी जोड़ी भी थी। इसके बाद उन्होंने कभी अलविदा ना कहना और माइ नेम इज खान बनायी।करण ने कहा, ‘मैंने उन्हें इसलिए फिल्म में नहीं लिया कि वे सितारे हैं बल्कि उनका अभिनय कौशल देखा। स्टार वैल्यू को ध्यान में रखकर किसी को फिल्म में नहीं लेता। वो भूमिका के हिसाब से फिट बैठते हैं और वो चीज उनमें है जो उस भूमिका के लिए चाहिए तो मैं उन्हें फिल्म में ले लेता हूं।’अब सिनेमा के सौ साल पूरे होने के अवसर पर एक फिल्म बॉम्बे टॉकीज आने वाली है। इसमें कुछ लघु फिल्में हैं जिसे अनुराग कश्यप, दिवाकर बनर्जी, जोया अख्तर और खुद करण ने निर्देशित किया है। करण की फिल्म में रानी मुखर्जी, रणदीप हुड्डा, सकीब सलीम मुख्य भूमिका में हैं। उन्होंने कहा, ‘रानी बिग स्टार हैं लेकिन मैंने उन्हें फिल्म में इसलिए लिया क्योंकि वह उसमें फिट बैठती है। अभिनय कौशल की वजह से उन्हें लिया गया। यही और भी कलाकारों पर लागू होता है।’