आत्मा की शूटिंग में इमोशनल नर्क से गुज़री बिपाशा:सुपर्ण वर्मा

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सिनेप्रेमियों को डराने के लिए ‘आत्मा’ फिल्म लेकर आ रहे निर्देशक सुपर्ण वर्मा का कहना है कि अभिनेत्री बिपाशा बसु को इस फिल्म की शूटिंग के दौरान भावनात्मक रूप से नर्क से गुज़रना पड़ा।इसी हफ्ते 22 मार्च को रिलीज होने वाली इस फिल्म में बिपाशा के अलावा अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दिकी मुख्य किरदार निभा रहे हैं। फिल्म में शेरनाज पटेल और बाल अभिनेत्री दोयेल ध… आत्मा की शूटिंग में इमोशनल नर्क से गुज़री बिपाशा:सुपर्ण वर्मा

सिनेप्रेमियों को डराने के लिए ‘आत्मा’ फिल्म लेकर आ रहे निर्देशक सुपर्ण वर्मा का कहना है कि अभिनेत्री बिपाशा बसु को इस फिल्म की शूटिंग के दौरान भावनात्मक रूप से नर्क से गुज़रना पड़ा।इसी हफ्ते 22 मार्च को रिलीज होने वाली इस फिल्म में बिपाशा के अलावा अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दिकी मुख्य किरदार निभा रहे हैं। फिल्म में शेरनाज पटेल और बाल अभिनेत्री दोयेल धवन की भी अहम भूमिकाएं हैं।बकौल सुपर्ण, दोनों कलाकार अभिनय के ऐसे असुरक्षित क्षेत्र  में जाने के लिए तैयार थे जहां वह पहले कभी नहीं गए। बिपाशा आत्मा की शूटिंग के दौरान भावनात्मक नर्क से गुज़री जबकि नवाज़ को भी इस किरदार में पूरी तरह रम जाना पड़ा।उन्होंने आगे कहा, मेरे कहने का मतलब है कि दोनों अभिनेताओं को मानसिक रूप से काफी परेशानी झेलनी पड़ी। जब मैं इस फिल्म की कहानी लिख रहा था तो मुझे भी ऐसे ही दौर सेे गुज़रना पड़ा। मैं केवल कल्पना कर सकता हूं कि इस फिल्म का दर्शकों पर क्या असर पर होगा।  उन्होंने अपनी फिल्म के लिए इन दोनों कलाकारों को ही क्यों चुना के सवाल पर 28 वर्षीय फिल्मकार ने कहा,  मैंने राज थ्री के आने से पहले ही बिपाशा के साथ करार कर लिया था। हमने इस फिल्म की रिलीज के चार महीने बाद शूटिंग शुरू की जो हमारे लिए अच्छा रहा क्योंकि राज थ्री बड़ी हिट साबित हुई थी।सुपर्ण ने बताया, मैंने नवाज़ के साथ कहानी की रिलीज़ के बाद करार किया था। जब गैंग ऑफ वासेपुर रिलीज़ हुई तब हम दो महीने की शूटिंग कर चुके थे। हमने अपनी फिल्म के लिए अभिनेताओं का चयन उनकी पिछली फिल्मों के आधार पर नहीं किया। मैंने उन्हें किरदारों की मांग के अनुसार चुना। आत्मा में बिपाशा एक ऐसी मां का किरदार निभा रही हैं जिसका पति मौत के बाद अपनी बेटी को साथ ले जाने आ जाता है।सुपर्ण के मुताबिक फिल्म आत्मा की कहानी बहुत सरल है। माता और पिता के बीच मतभेद हो जाते हैं और पिता अपनी बेटी को साथ ले जाने के लिए वापस आ जाता है लेकिन फिल्म का सबसे बड़ा मोड़ यह है कि पिता मर चुका है। यह पूरी लड़ाई प्रेम की है लेकिन प्रेम के साथ डर भी आता है क्योंकि जब प्रेम दिशा भटक जाता है तो वह क्षति पहुंचाता है।