आयकर विभाग के जारी एक नोटिस के खिलाफ फिल्मकार करण जौहर ने बंबई उच्च न्यायालय की शरण ली है। विभाग का दावा है कि 2006 – 07 में उनकी फिल्म कभी अलविदा ना कहना से कमाए गए दो करोड़ रूपए का खुलासा नहीं किया गया।हाईकोर्ट को दी याचिका में जौहर ने कहा कि सर्किल 31 के सहायक आयकर आयुक्त ने आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत 2006 – 07 वर्ष का आकलन फिर से खोलने के…
आयकर विभाग के जारी एक नोटिस के खिलाफ फिल्मकार करण जौहर ने बंबई उच्च न्यायालय की शरण ली है। विभाग का दावा है कि 2006 – 07 में उनकी फिल्म कभी अलविदा ना कहना से कमाए गए दो करोड़ रूपए का खुलासा नहीं किया गया।हाईकोर्ट को दी याचिका में जौहर ने कहा कि सर्किल 31 के सहायक आयकर आयुक्त ने आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत 2006 – 07 वर्ष का आकलन फिर से खोलने के लिए उन्हें 20 मार्च 2012 को नोटिस जारी किया।करण के मुताबिक इस धारा के तहत अधिकारी को अगर लगे कि कुछ आय की जानकारी नहीं दी गई है तो उसे आकलन फिर से खोलने की शक्ति होती है। उन्होंने बताया कि अधिकारी के हवाले से नोटिस में कहा गया, मेरे पास इसे मानने की वजह है कि दो करोड़ रूपए से ज्यादा की कमाई का आकलन नहीं हुआ ।जौहर ने कहा कि उन्होंने उस आकलन साल(2006 – 07) में 14 . 73 करोड़ रूपए की कमाई घोषित की थी, जिसमें उस फिल्म का लाभ भी शामिल था ।हालांकि आयकर विभाग ने दावा किया कि उसके आकलन के मुताबिक फिलम की 70.1 करोड़ रूपए की कमाई हुई जबकि इसके निर्माण में कुल खर्च 57.44 करोड़ रूपए का आया। विभाग ने आरोप लगाया कि जौहर ने फिल्म निर्माण में आई लागत का पूरा ब्यौरा नहीं दिया।जौहर ने उच्च न्यायालय से आयकर विभाग की नोटिस को अवैध बताते हुए खारिज करने की गुहार लगाई और कहा कि इसे जारी करने वाले आयकर अधिकारी के पास यह मामने की कोई वजह नहीं थी कि उन्होंने (जौहर) जानकारी छिपाई थी ।