दिग्गज फिल्म निर्माता मृणाल सेन का दक्षिण कोलकाता स्थित उनके आवास में रविवार सुबह उम्र संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। उनके परिवार में सिर्फ एक बेटा कुणाल है। मृणाल लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने सुबह 10 बजे के आसपास भौवानीपुर स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

पद्मभूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित
मृणाल को अपनी कई फ़िल्मों के लिए 18 नेशनल अवार्ड्स मिले हैं। इनमें से कुछ अवार्ड्स बेस्ट फीचर फ़िल्म और कुछ बेस्ट डायरेक्शन और बेस्ट स्क्रीन प्ले के लिए भी थी। उन्हें 1981 में पद्मभूषण और 2005 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मृणाल 1998 से 2000 तक राज्यसभा में मनोनीत सांसद भी रहे।

पहली फिल्म ‘रातभोर’
1955 में मृणाल ने अपनी पहली फिल्म ‘रातभोर’ बनाई। उनकी अगली फिल्म ‘नील आकाशेर नीचे’ ने उन्हें पहचान दी। तीसरी फिल्म ‘बाइशे श्रावण’ ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर दिया।

महानायक ने जताया शोक
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने सोशल अकाउंट पर मृणाल सेन के निधन का शोक जताया है। अमिताभ ने यह लिखा है कि वो काफी क्रिएटिव माइंड के सिनेमाटोग्राफर थे। बता दें कि अमिताभ ने अपनी ज़िन्दगी का पहला Voice Over मृणाल सेन की फ़िल्म ‘भुवन शोम’ के लिए किया था।

मोदी ने जताया दुख
मृणाल के निधन पर नरेंद्र मोदी ने लिखा- “उनके निधन से दुखी हूं। देश उनका आभारी है क्योंकि मृणाल सेन ने कई यादगार फिल्में बनाईं। उनका काम कई पीढ़ियां याद रखेंगी।”

ममता बनर्जी ने जताया दुख
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा- उनके निधन की खबर से दुख हुआ। यह फिल्मजगत के लिए बड़ा नुकसान है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।