66 वों कान फिल्म फेस्टिवल में लेस्बियन रिलेशंस पर बेस्ड फ्रांसीसी फिल्म ‘ब्लू इज दी वार्मेस्ट कलर: द लाइफ ऑफ फ्रांस’ को ‘पाम डी’ अवार्ड दिया गया है। कान में यह फिल्म ऐसे मौके पर पुरस्कृत की गई है, जब फ्रांस में समलैंगिक विवाह पर लंबी बहस चल रही है।
फ्रांस में समलैंगिक विवाह को मान्यता दिए जाने से छिड़ी बहस के बीच समलैंगिक प्रेम संबंध पर आधारि…
66 वों कान फिल्म फेस्टिवल में लेस्बियन रिलेशंस पर बेस्ड फ्रांसीसी फिल्म ‘ब्लू इज दी वार्मेस्ट कलर: द लाइफ ऑफ फ्रांस’ को ‘पाम डी’ अवार्ड दिया गया है। कान में यह फिल्म ऐसे मौके पर पुरस्कृत की गई है, जब फ्रांस में समलैंगिक विवाह पर लंबी बहस चल रही है।
फ्रांस में समलैंगिक विवाह को मान्यता दिए जाने से छिड़ी बहस के बीच समलैंगिक प्रेम संबंध पर आधारित फ्रांसीसी फिल्म ‘ब्लू इज दि वार्मेस्ट कलर : दि लाइफ ऑफ एडले’ को 66वें कान फिल्म महोत्सव में शीर्ष पुरस्कार पाम डी’ओर से सम्मानित किया गया। हॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल ने परंपरा से अलग जाते हुए फिल्म के ट्यूनीशियाई निर्देशक अब्देलतीफ केचीचे के साथ-साथ फिल्म की दोनों मुख्य कलाकारों एडले एक्सचरेपोलोस और लिया सेडाक्स को भी पाम डी’ओर से सम्मानित किया। मंच पर तीनों एक दूसरे के हाथ पकड़े हुए थे जब उन्हें यह पुरस्कार दिया गया। ज्यूरी में अभिनेत्री विद्या बालन भी शामिल थीं।
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सवों में से एक कान में कल समापन समारोह के दौरान केचीचे ने कहा, ‘‘फिल्म फ्रांस के खूबसूरत युवा को दिखाती है, फिल्म बनाते समय मैंने इसकी खोज की। इसने आजादी की भावना को लेकर मुझे बहुत कुछ सिखाया।’’ महोत्सव में 20 फिल्मों में से सर्वश्रेष्ठ फिल्म चुनी गयी ‘ब्लू इज दि वार्मेस्ट कलर’ में एक्सचरेपोलोस 15 साल की एक लड़की के बारे में हैं जो अपने से अधिक उम्र की एक महिला से प्यार कर बैठती है। इस महिला का किरदार सेडॉक्स ने निभाया है। तीन घंटे लंबी यह फिल्म अपनी लंबाई, ग्राफिक सेक्स दृश्यों की वजह से चर्चा में थी, लेकिन बचपन से व्यस्क उम्र के बीच के परिवर्तन के शानदार फिल्माकंन की वजह से इसे समारोह में बहुत पसंद किया गया। स्पीलबर्ग ने कहा, ‘‘फिल्म एक शानदार प्रेम कहानी है जिसे देखना हमारे लिए एक सौभाग्य था। यह फिल्म किसी के गहरे प्रेम में होने और फिर दिल टूटने की दास्तान है।’’
बता दें कि फ्रांस में हाल ही में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिली है जिस वजह से इस फिल्म के जीतने को लेकर और चर्चा है। वहां नए कानून का विरोध भी हो रहा है। हालांकि निर्णायक मंडल के सदस्य और रोमानियाई निर्देशक क्रिस्तियन मुंग्यू ने कहा कि फिल्म को पुरस्कार देने के फैसले से नवीनतम घटनाक्रम का कोई सरोकार नहीं है। मूंग्यू ने कहा, ‘‘हमने केवल सिनेमा को सम्मानित किया है। ऐसा राजनीतिक संदेश देने के लिए नहीं किया गया है।’’
कोएन बंधुओं की फिल्म ‘इनसाइट लुईन डेविस’ को कान के दूसरे सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैंड प्रिक्स से सम्मानित किया गया।
अमेरिकी फिल्म ‘नेब्रास्का’ के लिए 76 वर्षीय अभिनेता ब्रुस डर्न को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया। वहीं ‘आर्टिस्ट’ स्टार बेरेनीस बेजो को असगर फरहदी की फ्रांसीसी फिल्म ‘द पास्ट’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। जापानी फिल्म ‘लाइक फादर, लाइक सन’ को कान के तीसरे शीर्ष पुरस्कार, जूरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
वहीं मैक्सिको के फिल्मकार अमैत एस्कलांते को उनकी फिल्म ‘हेली’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया। सिंगापुर के फिल्म निर्देशक एंथनी चेन को उनकी फिल्म ‘इलो इलो’ के लिए कैमरा डी’ओर पुरस्कार दिया गया। यह पुरस्कार किसी निर्देशक की पहली फिल्म को दिया जाता है।
वैसे इस बार भारतीय कलाकारों की भी कान फिल्म फेस्टिवल में खूब धूम रही। विद्या बालन और सोनम कपूर रेड कारपेट पर चलते हुए खूब वाहवाही लूटी, वहीं ऐश्वर्या राय ने इस बार भी रेड कारपेट पर चलते हुए कई विदेशी एक्ट्रेसेस को पीछे छोड़ दिया।
विद्या कान में भी अपने पसंदीदा परिधान साड़ी में नजर आईं, उधर सोनम भी वेस्टर्न ड्रेस में खूब कहर ढा रही थीं।