भारत में शॉर्ट फिल्मों की अभी कोई मार्केट नहीं है, लेकिन कान फिल्म समारोह में प्रदर्शित अपनी लघु फिल्म से तारीफ बटोरने वाले फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप का कहना है कि लघु फिल्में ही भारतीय सिनेमा का भविष्य निर्धारित करेंगी।
कश्यप ने बताया कि भारतीय सिनेमा का भविष्य लघु फिल्में ही निर्धारित करेंगी, न कि मुख्यधारा की वे फिल्में जिनकी किस्मत का फैसला ह…
भारत में शॉर्ट फिल्मों की अभी कोई मार्केट नहीं है, लेकिन कान फिल्म समारोह में प्रदर्शित अपनी लघु फिल्म से तारीफ बटोरने वाले फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप का कहना है कि लघु फिल्में ही भारतीय सिनेमा का भविष्य निर्धारित करेंगी।
कश्यप ने बताया कि भारतीय सिनेमा का भविष्य लघु फिल्में ही निर्धारित करेंगी, न कि मुख्यधारा की वे फिल्में जिनकी किस्मत का फैसला हर शुक्रवार की रात होता है। हकीकत में, लघु फिल्मों ने इसे पहले ही पुनर्परिभाषित कर रखा है। इन फिल्मों ने हमें एक नया दृष्टिकोण दिया है, जो शायद ही एक बड़े बजट की फिल्म दे पाती।
गौरतलब है कि इस वर्ष कान फिल्म समारोह में प्रदर्शित चार लघु फिल्मों का संकलन बाम्बे टॉकीज में से एक फिल्म मुरब्बा के डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने वायाकॉम 18 के साथ मिलकर पांच लघु फिल्में भी बनाई हैं, जो यू-ट्यूब पर मौजूद हैं।
ये फिल्में विदेश मंत्रालय के सार्वजनिक कूटनीति प्रभाग के तत्वाधान में संचालित वेब आधारित अभियान इंडिया इज का हिस्सा हैं।