हर लड़की मातृत्व सुख चाहती है। अपनी संतान को जन्म देकर उसके साथ खेलना चाहती है। घर में एक बच्चा हो तो तमाम तरह के तनाव स्वत: विदा हो जाते हैं। शादी के बाद बहुत दिनों तक बच्चा पैदा न हो तो ढेर सारे तनाव घेर लेते हैं। संतान न होने से अनेक प्रकार के ताने व यातनाएं भी झेलनी पड़ती हैं।
संतान प्राप्ति के लिए प्रयोग:
- मासिक धर्म समाप्त होने के 4 दिन बाद से सात दिन तक लगातार शिवलिंगी के 5 बीज खिलाए जाएं तो महिला के गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
- शिवलिंगी के बीजों को तुलसी व गुड़ के साथ पीसकर नि:संतान महिला को सेवन कराया जाता है। आदिवासी महिलाओं के अनुसार इससे जल्दी ही गर्भधारण हो जाता है।
- नि:संतान महिलाओं को शिवलिंगी क बीजों व चटनी दोनों का सेवन कराने से विशेष लाभ होता है।
- शिवलिंगी की पत्तियों को बेसन के साथ मिलाकर सब्ज़ी भी बनाई जाती है। इस सब्ज़ी का सेवन करने से स्वस्थ संतान पैदा होती है।
- शिवलिंगी के बीजों, चटनी व सब्ज़ी खाने से पुत्र संतान की संभावना ज़्यादा रहती है। आदिवासी इलाकों में इसका बहुतायत प्रयोग किया जाता है।
- -चुस्त-दुरुस्त, स्वस्थ व तेजवान बच्चा पैदा करने के लिए गुजरात के डांग क्षेत्र के आदिवासी शिवलिंगी के बीजों, पुत्रंजीवा, नागकेशर व पारस पीपल के बीजों की समान मात्रा लेकर चूर्ण बनाते हैं।