जब आप मंदिर में प्रवेश करते हैं तो आमतौर पर घंटी बजाते ही हैं। ये जो घंटी या घंटा होता है ये हिंदु पूजा का एक अभिन्न हिस्सा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मंदिर में प्रवेश पर घंटी क्यों लगी होती है? आगम शास्त्र के अनुसार, घंटी की आवाज बुरी आत्माओं को दूर रखती है और ये आवाज़ ईश्वर को पसंद होती है। कई लोगों का ये विश्वास भी है कि घंटे की आवाज़ ईश्वर तक अपनी प्रार्थनाएं पहुंचाने का जरिया भी हैं। लेकिन हम आपको इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण बता रहे हैं। आर्ट ऑफ लिविंग के मेडिटेशन टीचर स्वामी मधुसूदन ने बताया कि मंदिर में घंटी बजाने का क्या फायदा होता है।
मंदिर की घंटियां कैडमियम, जिंक, निकेल, क्रोमियम और मैग्नीशियम से बनती हैं जिसकी आवाज़ दूर तक जाती है। ये आपके मस्तिष्क के दाएं और बाएं हिस्से को संतुलित करता है। जैसे ही आप घंटी या घंटा बजाते हैं एक तेज आवाज पैदा होती है, ये आवाज़ 10 सेकेंड तक गूंजती है। इस गूंज की अवधि आपके शरीर के सभी 7 हीलिंग सेंटर को एक्टीवेट करने के लिए काफी अच्छी होती है। ये आवाज़ आपने मस्तिष्क के विचारों में स्पष्टता लाती है जिस वजह से आप ऐसी स्थिति में पहुंच जाते हैं जब आपको पहले से ज्यादा चीजें समझ आने लगती हैं। ये आवाज आपकी एकाग्रता बढ़ाती है, आपको अलर्ट या सचेत रखती है। इससे आपके दिमाग के नकारात्मक विचार भी दूर होते हैं।
अब अगली बार जब आप मंदिर जाएं तो घंटी जरूर बजाएं। ये आपको जागरूक और एकाग्र बनाएगी। इसकी आवाज आपको मानसिक शांति भी देती है।