बारिश औऱ बाढ़ की वजह से केदारनाथ में हुई भीषण तबाही के बाद अब उत्तरकाशी के लोग भागीरथी के भय से घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। भागीरथी का पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। साथ ही भागीरथी की लहरों का रुख आबादी की तरफ मुड़ गया है, जिसकी वजह से उत्तरकाशी के गंगा मंदिर के आस-पास कटाव शुरू हो गया है।
भागीरथी की दिशा में अचानक आए इस बदलाव के बाद चार…
बारिश औऱ बाढ़ की वजह से केदारनाथ में हुई भीषण तबाही के बाद अब उत्तरकाशी के लोग भागीरथी के भय से घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। भागीरथी का पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। साथ ही भागीरथी की लहरों का रुख आबादी की तरफ मुड़ गया है, जिसकी वजह से उत्तरकाशी के गंगा मंदिर के आस-पास कटाव शुरू हो गया है।
भागीरथी की दिशा में अचानक आए इस बदलाव के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी मची हुई है। आस-पास के दर्जनों परिवारों ने अपने-अपने मकान खाली करना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड में 12 दिन से जारी राहत कार्य के बीच अब उत्तरकाशी में भागीरथी के उफान ने डराना शुरू कर दिया है। बाढ़ के डर से नदी से सटे मकान खाली होने शुरू हो गए हैं। लेकिन यहां सालों से अपना आशियाना बना कर रह रहे कुछ लोग अपने घरों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं, तो कुछ लोग अपने घरों को बड़े भारी मन से खाली कर रहे हैं।
दरअसल, प्रशासन नहीं चाहता है कि उत्तरकाशी में भी केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे हालात हों, जहां पिछले दिनों हुई त्रासदी में सैंकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
वहीं माना जा रहा है कि उत्तराखंड में आज राहत का काम खत्म हो सकता है, लेकिन अभी भी यहां फंसे हुए 2500 लोगों को निकालना बाकी है। एनडीएमए सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड में मरने वालों के संख्या करीब 1000 तक हो सकती है। जबकि 9 राज्यों से लापता हुए लोगों की सूचना के मुताबिक करीब 3000 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। सबसे ज्यादा 800 लोग मध्य प्रदेश से लापता हैं, जबकि यूपी से 540, राजस्थान से 590, दिल्ली से 300, आंध्रप्रदेश से 231 लोग लापता हैं। महाराष्ट्र के 214, गुजरात के 139 लोग भी लापता हैं। राहत के बाद राज्य का पुनर्निर्माण अब बड़ी चुनौती बन गई है। उत्तराखंड के करीब 2000 गांव को सैलाब से काफी नुकसान पहुंचा है।