मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने पद संभालने के साथ ही अपना काम शुरू कर दिया है और उन्होंने तुरंत आठ नए आईआईटी बनाने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से फंड की मांग की है. इसके लिए स्मृति उनसे मिल भी चुकी हैं.
स्मृति ईरानी को अफसरों ने बताया कि नए आईआईटी बनाने की राह में कई बाधाएं हैं जैसे कि फंड, ज़मीन और शिक्षक. ध्यान रहे कि बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि वह इस काम को पूरा करेगी. अब स्मृति ईरानी इस वादे को पूरा करना चाहती हैं. वह न केवल आईआईटी बल्कि हिमालयन टेक्नलॉजी के लिए एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी और एक ई-लाइब्रेरी जैसी परियोजनाओं के लिए धन के आवंटन की मांग लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलीं.
स्मृति के इस प्रयास से केरल, झारखंड, उत्तराखंड, गोवा, सिक्किम और छत्तीसगढ़ को बड़ा लाभ होगा. इन राज्यों में आईआईटी नहीं है. सीमान्ध्र को एक आईआईआटी देने की बात पहले ही कही गई है. 2009 में देश में आईआईटी की संख्या बढ़ाकर 16 कर दी गई थी लेकिन फंड की कमी के कारण काफी समस्याएं आ रही हैं. आईआईटी को चलाने की लागत बढ़कर 16,000 करोड़ रुपये हो गई है जबकि पहले 14,500 करोड़ रुपये थी. आईआईटी की एक समस्या है कि उसके पास पर्याप्त फैकल्टी नहीं हैं और इससे समस्या होती है. फैकल्टी की कमी से नए कॉलेज शुरू करने में में बाधा आती है