नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी [आप] के नेताओं ने विदेशी फंड के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। आप को विदेश से मिले फंड के बारे में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से 29 जनवरी तक जवाब मांगा था। इस मामले में अगली सुनवाई 5 फरवरी को होगी।
केंद्र ने बताया कि उसने इस बारे में आप को 4 नवंबर 2013 को पत्र लिखकर बैंक अकाउंट्स और अन्य जानकारियां मांगी गई थीं। गृह मंत्रालय की ओर से कोर्ट में पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजीव मेहरा ने बताया कि इसके बाद पार्टी को एक पत्र और लिखा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
इस बीच, जस्टिस प्रदीप नंदराजोग की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता वकील एमएल शर्मा को निर्देश दिया कि वह अपनी पीआईएल में आम आदमी पार्टी को भी पक्ष बनाएं। अदालत ने एमएल शर्मा से पूछा कि आम आदमी पार्टी एक रजिस्टर्ड पार्टी है, आप ने उसे पक्षकार क्यों नहीं बनाया? इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई यानि 5 फरवरी तक संशोधित मेमो फाइल करने का निर्देश दिया। पीआईएल में मनीष सिसोदिया, शांति भूषण और प्रशांत भूषण को भी वादी बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि वकील एम एल शर्मा ने एक जनहित याचिका के जरिए आम आदमी पार्टी [आप] के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि पार्टी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए विदेशी फंड प्राप्त किए हैं। शर्मा की याचिका पर हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय से 29 जनवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा था। याचिका के माध्यम से आरोप लगाया गया है कि आप को अमेरिकी एजेंसी कई कंपनियों के माध्यम से फंड दे रही है। उन्होंने चुनाव और राजनीतिक प्रक्रिया में विदेशी दखल का आरोप मढ़ा और इसे असंवैधानिक बताया। याचिकाकर्ता ने आप के नेताओं को प्रतिवादी बनाया और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर रोजाना सुनवाई करने की गुहार लगाई।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय अमेरिका से एक कॉल सेंटर के जरिए पार्टी को प्रमोट किया जा रहा था। इस तरह खर्च किया गया पैसा फॅारेन कांट्रिब्यूशन एक्ट के तहत मान्य नहीं है। शर्मा ने याचिका में कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान लॉस एंजिल्स, यूएसए से एक टीम कॉल सेंटर चला रही थी और दिल्ली के मतदाताओं को फोन कर रही थी। इस कॉल सेंटर से लगभग छह लाख कॉल की गई, जिन पर लगभग दस करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। जो कि एफसीआरए के नियमों का साफ तौर पर उल्लंघन है।
वहीं, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी आवाज डॉट ऑर्ग की ओर से आप को चार लाख डॉलर दिए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट पर दावा किया था कि अरब देशों में नागरिकों के बीच विद्रोह फैलाने के लिए पैसे देने वाले संस्थान ने ही ‘आप’ को भी आर्थिक मदद दी है।