जदयू ने प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर अपना रुख साफ करने के लिए भाजपा को कोई ‘अल्टीमेटम’ नहीं दिया है। गुरुवार को सूत्रों के हवाले से खबर आ रही थी कि जदयू ने बीजेपी को दो दिन का समय दिया है एनडीए के भावी प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी पर अपना रुख साफ करने के लिए।
लेकिन भाजपा-जदूय के बीच गठबंधन टूटने की चर्चाओं के बीच जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने शुक्रव…
जदयू ने प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर अपना रुख साफ करने के लिए भाजपा को कोई ‘अल्टीमेटम’ नहीं दिया है। गुरुवार को सूत्रों के हवाले से खबर आ रही थी कि जदयू ने बीजेपी को दो दिन का समय दिया है एनडीए के भावी प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी पर अपना रुख साफ करने के लिए।
लेकिन भाजपा-जदूय के बीच गठबंधन टूटने की चर्चाओं के बीच जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने शुक्रवार को इन खबरों को सिरे से नकार दिया। शरद यादव ने कहा कि हमारी पार्टी ने भाजपा को किसी तरह का अल्टीमेटम नहीं दिया है। हमारा जो भी निणर्य होगा, वो शनिवार को पटना में होने वाली जदयू की बैठक में लिया जाएगा।
वैसे, पिछले कुछ दिनों से बीजेपी के भीतर चल रही राजनीति और उससे जेडीयू के सरोकारों को देखते हुए यह बात साफ होती जा रही है कि बीजेपी और जेडीयू का 17 साल पुराना गठबंधन टूट की कगार पर है। नीतीश कुमार को मनाने के लिए बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने कई बार उन्हें फोन किया, लेकिन नीतीश अब तक नहीं माने हैं।
एक सर्वे के अनुमान के अनुसार अगर एनडीए टूटता है तो भाजपा और जदयू दोनों को नुकसान तो होगा। लेकिन यदि भाजपा बिहार में अपने दम पर चुनाव लड़ती है, तो उसे फायदा होगा। इससे भाजपा के हौसले बुलंद और जदयू थोड़ा नर्म पड़ता दिखाई दे रहा है।
इसलिए हो सकता है कि शनिवार को पटना में होने वाली जदयू की बैठक में यह फैसला लिया जाए कि वो अगामी लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर ही लड़ेगी। शरद यादव की ‘अल्टीमेटम मुद्दे’ पर सफाई दिया जाना भी इसी ओर इशारा करता है।