जेल में ही मनेगी आसाराम की”दिवाली”

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जोधपुर। नाबालिग से दुराचार के आरोप में जेल में बंद आसाराम तथा इस मामले में सह आरोपियों की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ाते हुए शनिवार को छह नवम्बर तक के लिए फिर जेल भेज दिया है। सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार सुबह कोर्ट में पेश किया गया था। जांच एजेंसी को कोर्ट में चार्जशीट पेश करनी थी, लेकिन चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाने पर कोर्ट ने आसाराम और उसके सहयोगियों को फिर से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

जिला एवं सत्र न्यायालय (ग्रामीण) के न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास के समक्ष आसाराम, उसके मुख्य सेवादार शिवा, रसोईया प्रकाश, छिंदवाडा गुरूकुल के संचालक शरतचंद्र, छात्रावास की वार्डन शिल्पी को शुक्रवार को भी पेश किया गया था जहां से सभी को शनिवार तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

मालूम हो कि उत्तरप्रदेश की एक नाबालिग लड़की ने जोधपुर के पास मणाई आश्रम में गत 15 अगस्त को आसाराम पर उसके साथ दुराचार करने का मामला 19 अगस्त को दिल्ली के कमला मार्केट थाने में दर्ज कराया था। घटना जोधपुर की होने के कारण प्राथमिकी जांच के लिए यहां भेजी गई थी। पुलिस ने 31 अगस्त की रात मध्यप्रदेश के इन्दौर स्थित आश्रम से आसाराम को गिरफ्तार किया था। 

अदालत ने गत दो सितम्बर को आसाराम को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। सूरत में दो बहनों द्वारा आसाराम और उनके पुत्र नारायण साई पर बलात्कार करने का मामला दर्ज कराने के बाद गत दिनों गुजरात पुलिस पूछताछ के लिए आसाराम को सूरत ले कर गई थी जहां से बुधवार को उसे यहां लेकर आई है। इस मामले में अन्य आरोपियों ने पुलिस एवं अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। सभी आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में यहां केन्द्रीय कारागार में बंद हैं।